77 जोड़े हुए एक दूजे के

गाजीपुर । मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान आई टी आई मैदान प्रकाशनगर  में सम्पन्न हुआ। शादी समारोह का शुभारम्भं मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह एवं उपस्थित मंचासीन अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप सेे दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। सामूहिक विवाह योजना में  कुल 77 जोड़ो का सामुहिक विवाह पूरे विधि विधान के साथ सम्पन्न हुआ। सामूहिक विवाह के अवसर पर उपस्थित समस्त जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने नव विवाहित वर-वधुओं को उनके वैवाहिक जीवन की मंगल कामना करते हुए शुभकामना दी। सामूहिक विवाह में नव दाम्पत्य को विवाह प्रमाण पत्र एवं पौध रोपण हेतु आम वृक्ष का पौधा उनके हाथो में दिया गया। विवाह कार्यक्रम मे मंच से ही मुख्य अतिथि ने बटन दबाकर 35 हजार रूपये की धनराशि वधुओं के खाते में हस्तान्तरित किया।
    मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष  सपना सिंह ने नव विवाहित वर-वधुओं को आर्शीवचन देते हुए कहा कि नव विवाहित जोड़ों ने 7 फेरे लेकर एक साथ रहने का जो संकल्प लिया है उसे आजीवन निर्वहन करे। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम योजना एक कल्याणकारी योजना है। जिसमें हजारों हजार की संख्या में बेटियों के हाथ पीले किये जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने इस योजना के माध्यम से गरीब, मजदूर एवं असहाय परिवारों को इसका लाभ दिया है और आगे भी इस योजना के माध्यम से बेटियो का विवाह सम्पन्न कराया जायेगा। मुख्यमंत्री ने बेटियों के हाथ पीले करने का जो संकल्प लिया है उसे आगे और भी बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होने कहा कि इस योजना के माध्यम से जो विवाह कराया जाता है उससे समाज में फैली दहेज प्रथा जैसी रूढ़िवादी सोच समाप्त होती जा रही है। दहेज लेना और दहेज देना एक दण्डनीय अपराध है। उन्होने कहा कि आज जो भी बेटियां अपने ससुराल विदा हो रही है तो उनके ससुराल पक्ष के लोग उन्हे बहु न बल्कि बेटी बनाकर घर ले जायें। आज यह  संकल्प लें कि बेटी से बड़ा कोई दहेज नही है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री की प्रेरणा से बेटियों को बोझ समझने की जो एक मंशा या सोच रहती है, उन सभी कुरीतियों पर एक प्रहार है यह ‘‘सामूहिक विवाह कार्यक्रम‘‘। मिल बांट कर एक सादगी से भरे इस कार्यक्रम में परिणय सूत्र में बंध जाये और दहेज प्रथा तथा बेटियों को बोझ समझने की सोच से उबरकर, हम आगे बढ सकें तथा बेटियों को समाज में उनको उचित स्थान दे सके यही मुख्यमंत्री की मंशा है।
मुख्य विकास अधिकारी  संतोष कुमार वैश्य ने मुख्य मंत्री सामूहिक विवाह योजना की जानकारी देते हुए कहा कि  आज जनपद के विभिन्न ब्लाकों से चयनित 77 जोड़ो का विवाह पूरे विधि विधान के साथ सम्पन्न हुआ है। पिछले 05 दिसम्बर को 166 जोड़ो का विवाह कराया गया था। जनपद मे कुल 1575 जोड़ो का लक्ष्य प्राप्त है । शेष लक्ष्य को माह जनवरी 2025 में सम्पन्न कराया जायेगा ताकि पात्र परिवारों की बेटियो को इस योजना का लाभ मिल सके। उन्होने शादी समारोह में आये हुए वर एवं वधु के परिजनो  के प्रति भी शुभकामना व्यक्त की। कहा कि  इस योजना के अन्तर्गत 51 हजार की धनराशि प्रदान किया जा रहा है जिसमें 35 हजार रूपये वधु के खाते में तथा 10 हजार रूपये के उपहार एवं 6 हजार शादी समारोह के आयोजन के लिए दिया जा रहा है। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की शादी कराया जा रहा है। जिसमें लड़के की उम्र 21 वर्ष  एवं लड़की की आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।
परियोजना निदेशक राजेश यादव  ने सामूहिक विवाह के सफल आयोजन पर आभार व्यक्त करते हुए विवाहित नव दाम्पत्य जोड़ो को उनके विवाहित जीवन के लिए शुभकामनाएं दी। जिला दिव्यांजन सशक्तिकरण अधिकारी पारस यादव ने इस योजना की विस्तृत जानकारी मंच के माध्यम से दी। इस अवसर पर मंत्री ओमप्रकाश राजभर के प्रतिनिधि सुरेश राजभर, जिला विकास अधिकारी सुभाष चन्द्र सरोज, जिला समाज कल्याण अधिकारी राम नगीना यादव, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी एवं अन्य जनपद स्तरीय अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी एवं जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

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