
गाजीपुर। जग नहीं सुनता कभी दुर्बल जनो का शांति प्रवचन , सिर झुकाता है उन्हें जो कर सके रिपु मान मर्दन। दुनिया ताकत की सुनती है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत को ताकतवर बना रहा है। हमारी सेना ने आतंकी कैम्प को नष्ट कर भारत की विश्व में धाक जमाई है। उक्त विचार मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल ने व्यक्त किया। वह शुक्रवार को गाजीपुर के बोरसिया स्थित सत्यदेव डिग्री कॉलेज में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, काशी प्रान्त के 15 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए गुरु गोलवलकर को उद्धृत करते हुए आगे कहा कि भारत की सभी भाषा राष्ट्रीय भाषा है। भाषा, प्रान्त, जाति के झगड़े होते हैं यह शाखा से समाप्त होगी। संघ में छुआछुत, अगड़ा-पिछड़ा कुछ नहीं है। यहाँ सब एकसाथ भोजन करते और कराते हैं। यहाँ कोई किसी की जाति नहीं पूछता। नागपुर में कार्यकर्ता विकास वर्ग- द्वितीय (तृतीय वर्ष) लगता है। यहाँ देशभर के अलग अलग प्रान्तों से स्वयंसेवक एवं शिक्षक आते हैं। कई प्रशिक्षु ऐसे हैं जो घर से लड़ कर प्रशिक्षण लेने आते हैं।
संघ का उद्देश्य है सामूहिकता। स्वयंसेवक बिना स्वार्थ के सेवा करते है। कोरोनकाल में जब समाज पर संकट आया तो पाँच लाख स्वयंसेवक सहायता में लगे। किसी ने कोई जाति धर्म पंथ नहीं पूछा। केरल में अपने चार स्वयंसेवकों की जान चली गई बाढ़ में सहायता करने के दौरान। आज स्वयंसेवक सेवा के 1.5 लाख सेवा कार्य कर रहा है। रामलाल ने कहा कि लोग संघ के विरोधी हो सकते हैं संघ किसी का विरोधी नहीं है। रामजन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा का उदाहरण देते हुए कहा कि प्राण प्रतिष्ठा में मंदिर ट्रस्ट से जुड़े लोगों ने सभी को आमंत्रित किया। कुछ लोग स्वार्थवश हिन्दू संगठनों को कम्युनल कहते हैं। हिन्दू में हिन्दू कहीं नही लड़ रहा है और न ही कोई हिन्दू से लड़ रहा। हम वसुधैव कुटुम्बकम की बात करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह हिन्दू राष्ट्र है, बनाने की जरूरत नहीं। इसके मूल में ही हिन्दू विराजमान है। उन्हें संघ के पंच परिवर्तन कुटुंब प्रबोधन, समरसता, पर्यावरण, स्वदेशी और नागरिक कर्तव्य की भी बात की।
मुख्य वक्ता ने कहा संघ के संस्थापक डॉ हेडगेवार ने सोच विचार के संगठन शुरू किया तब हिन्दू समाज बिखरा था। राष्ट्रभक्ति बिना स्वतंत्रता संभव नहीं थी। डॉ हेडगेवार स्वतंत्रता से पहले और स्वतंत्रता के बाद कई बार जेल गए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भवानीनन्दन यति ने कहा प्रचारक रूपी संतों ने अपना जीवन भारत माँ को समर्पित किया है। महाराज जी ने कहा उठो जागो और राष्ट्र निर्माण में लगो इसलिए ही मेरा जन्म हुआ है। जीवन सार्थक तब तक नही होता जब तक ध्येय की पूर्ति न हो। उदाहरण देते हुए कहा कि गोमुख से निकलने वाली गंगा गंगासागर न पहुँच जाए तब तक सार्थक नही होता। उन्होंने आगे कहा कि मेरा मन यह देख कर कह रहा है राम का राष्ट्र प्रेम वापस आने वाला है, भारत बदल रहा है।
अतिथियों के उद्बोधन पूर्व इस वर्ग में प्रशिक्षण ले चुके स्वयंसेवकों का दण्ड, नियुद्ध, पदविन्यास, सामूहिक समता, व्यायाम योग, आसन इत्यादि शारीरिक प्रधान कार्यक्रम हुए। पूर्ण गणवेश में घोष वादन कर रहे स्वयंसेवक आकर्षण का केन्द्र रहे। मंचस्थ अधिकारियों का परिचय नागेंद्र ने कराया।

मंच पर पूज्यपाद भवानीनन्दन यति , रामलाल अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख, मालकियत सिंह बाजवा सर्वाधिकारी, अंगराज प्रान्त संघचालक एवं जयप्रकाश जिला संघचालक मंचासीन रहे। संघ शिक्षा वर्ग के वर्ग कार्यवाह दीपनारायण द्वारा वर्ग प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। उन्होंने बताया कि काशी प्रांत के 27 जिलों से 270 शिक्षार्थी आए। सभी ने अपना शुल्क, मार्ग व्यय एवं गणवेश स्वयं अपने खर्च से पूरा किया। आभार ज्ञापन अशोक राय द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संयोजन मुख्य शिक्षक दीपक एवं राजेश सह मुख्य शिक्षक द्वारा किया गया। मुरली पाल प्रान्त कार्यवाह इस वर्ग के वर्ग पालक रहे । रमेश प्रान्त प्रचारक, राकेश सह प्रान्त कार्यवाह, रामचंद्र प्रान्त प्रचारक प्रमुख, अजीत विभाग प्रचारक, सच्चिदानंद राय विभाग संघचालक आदि उपस्थित रहे।
