गाजीपुर। 14 अगस्त 1947 की तारीख भारत के इतिहास में कभी नहीं भुलाई जा सकती। एक तरफ जहां 200 वर्षों की गुलामी और अंग्रेजों के जुल्मोसितम से देश को बाद आजादी हासिल होने वाली थी। वहीं दूसरी ओर देश के दो टुकड़े हो गो गए थे। लाखों लोग इधर से उधर हो गए।हजारों लाखों लोगों के घर-बार छूटे और परिवार भी छूट गया था। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा ऐलान किया कि 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाय। इसे देखते हुए सभी सरकारी कार्यालयों, सामाजिक संगठनों के बीच यह दिवस विभाजन विभीषिका दिवस के रूप में मनाया जा रहा है । उच्च शिक्षा विभाग के दिशा निर्देश पर पीजी कॉलेज में भी इससे संबंधित कार्यक्रम आयोजित किया गया।कॉलेज के कुशलपाल सभागार में प्राचार्य राघवेंद्र कुमार पांडेय के संरक्षण में शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्र-छत्राओं की मौजूदगी में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया गया।
प्राचार्य पांडेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि
भारत का विभाजन मानव सभ्यता के अभूतपूर्व विस्थापन और मजबूरी में पलायन की सबसे दर्दनाक घटनाक्रमों में से एक है। यह एक ऐसी घटना है जिसमें लाखों लोग अजनबियों के बीच एकदम विपरीत वातावरण में नया आशियाना तलाश करने को मजबूर हो गए। आजादी के लिए देश के सेनानियों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए अंग्रेजों के जुल्मों सितम को सहा है। हमें इस आजादी की कीमत समझते हुए एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर देश की उन्नति और प्रगति के दिशा में ले जाने का कार्य करना चाहिए।
मुख्य नियंता डा॰ डीके सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विश्व में कितने ही देश आपस में लड़ रहे हैं । हमें सदैव अपने देश की अस्मिता की रक्षा के लिए तत्पर रहना चाहिए | डा॰ डीआर सिंह एवं डा॰ एस एन मिश्रा ने भी छात्र-छात्राओं को संबोधित किया। छात्र – छात्राओं ने देश-भक्ति गीत प्रस्तुत किया । कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डा॰ शिव शंकर यादव ने किया । कार्यक्रम अधिकारी डा॰ रुचि मूर्ति सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया |