
सादात। महंत पवहारी श्री बालकृष्ण यति कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शनिवार को षट्तिला एकादशी पर सिद्धपीठ हथियाराम के 25वें ब्रह्मलीन महंत महामंडलेश्वर स्वामी बालकृष्ण यति जी महाराज का आविर्भाव दिवस धूमधाम से मनाया गया। गुरू महाराज की प्रतिमा के समक्ष पूजन अर्चन करते हुए गीता पाठ, विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ और असंख्य हनुमान चालीसा का पाठ शिक्षिकाओं तथा छात्राओं ने किया। भोग प्रसाद को प्राप्त कर सभी ने महाविद्यालय के संस्थापक को वंदन किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 रत्नाकर त्रिपाठी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए “महान आदर्श नारियों” के कार्यो को अनुसरण करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में जब जब सत्य व धर्म की रक्षा के लिए संतों के योगदान की चर्चा होगी, तब तब महान् युगपुरुष तपोनिष्ठ आध्यात्मिक जगत के अलौकिक महापुरुष ब्रहमलीन संत परम पूज्य गुरुदेव महामण्डलेश्वर बालकृष्ण यति महाराज जी का परम श्रद्वा के साथ स्मरण किया जाता रहेगा। कहा कि उनका निर्मल, निष्ठामय, कर्तव्यमय, सादगी भरा जीवन, क्षमा व दया की प्रतिमूर्ति, मर्यादा के महान् रक्षक, महान गौ भक्त, एक आत्मनिष्ठ, निष्काम कर्मयोगी, अध्यात्म जगत की जितनी भी उपमाएं है वे सब उनमें झलकती थी। लोग उनसे मिलकर अपने सौभाग्य की सराहना करते थे, उनका दर्शन उनकी वाणी जीवन के कई अनसुलझी गुत्थियों को बरबस ही सुलझा देती थी। जो सच्चे हदय से उनके निकट आकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करता था, वह ज्ञान की नई अनुभूतियां पाकर अपने जीवन को धन्य समझता था। पूज्य गुरुदेव की कृपा का वर्णन शब्दों में नही किया जा सकता है। वह अपने भक्तों को सजग कर सदैव कर्तव्य पथ पर चलने की प्ररेणा दिया करते थे। आजीवन शिव व शक्ति की आराधना एवं भक्ति में तल्लीन रहकर उन्होनें सनातन धर्म की जो सेवा की उसे शब्दों में नही समेटा जा सकता है। कार्यक्रम में शिक्षिका श्रीमती रिंकू सिंह, आरती सिंह, वीणा मिश्रा, अंजू सिंह, सुनीता मौर्य, शिखा सिह, संघ्या यादव, कार्यालय अधीक्षक चंद्रशेखर सिंह, छात्राएं श्रेया सिंह , अंजली, ज्योति, प्रीति, खुशी, श्रद्धा सिंह, दीपशिखा आदि उपस्थित रही।
