गाजीपुर। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में अगस्त क्रांति का विशेष महत्व है, आज ही “करो या मरो” का नारा देकर इसकी शुरुआत 9 अगस्त 1942 के दिन राष्ट्रपिता स्व.महात्मा गांधी जी ने की थी, जिसे आज गाजीपुर के कांग्रेस सदस्यों और पदाधिकारियों ने स्थानीय सुभाष चंद्र बोस की टैक्सी स्टैंड स्थित मूर्ति पर माल्यार्पण कर कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनील राम की अध्यक्षता में वहीं सुभाषचंद्र बोस वाचनालय एवम सभागार में एक गोष्ठी कर अपने विचार रखे। इस दौरान कांग्रेस परिवार के तरफ से शहर अध्यक्ष संदीप विश्वकर्मा ने जनपद के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों क्रमशः अमिताभ अनिल दुबे, रविकांत राय, हनुमान यादव, हरिनाथ कुशवाहा, दिव्यांशु पांडेय, हनुमान शर्मा और सतीराम सिंह को अंगवस्त्रम प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष सुनील राम ने शहीदों को याद करते हुए कहा कि देश की आजादी में अगस्त क्रांति का महत्वपूर्ण स्थान, महात्मा गांधी जी की एक आवाज पर जनपद गाजीपुर के वीर लोगों ने अपने प्राणों तक को न्योछावर कर दिया और हमें खुशी है कि ऐसे ही वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजन आज हमारे साथ हैं और हम उनको सम्मानित करके गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं । इस अवसर पर शहर अध्यक्ष संदीप विश्वकर्मा ने कहा की आज वर्तमान सरकार स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों का मान तक नहीं रख पा रही है, देश में भ्रष्टाचार, महंगाई बेरोजगारी तो चरम पर है ही, लेकिन मणिपुर की घटना ने हमें शर्मसार कर दिया है। उन्होंने कहा कि अगस्त क्रांति का ही नतीजा है कि 15 अगस्त 1947 में हमें आजादी मिली।
पूर्व विधायक अमिताभ अनिल दुबे ने बताया कि उनका परिवार स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ा रहा और आज ही के दिन मुंबई तत्कालीन बंबई में गांधी जी अगस्त क्रांति की शुरुआत की थी, इस लड़ाई में गांधी जी ने ‘करो या मरो’ का नारा देकर अंग्रेजों को देश से भगाने के लिए पूरे भारत के युवाओं का आह्वान किया था। यही वजह है कि इसे ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ या क्विट इंडिया मूवमेंट भी कहते हैं। इस आंदोलन की शुरुआत नौ अगस्त 1942 को हुई थी, इसलिए इसे अगस्त क्रांति भी कहते हैं। एआईसीसी सदस्य रविकांत राय ने अपने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिजनों को याद करते हुए कहा कि आज ही के दिन जिस जोश से पूरे भारत में आजादी के प्रति लहर उठी थी, वो निर्णायक थी, असहयोग आंदोलन के साथ गांधी जी के करो या मरो के नारे ने देश को अंततः आजादी दिलाई, जिसमें हमारे कांग्रेसियों की अहम भूमिका रही है, अंग्रेजों की गोलियों का शिकार हुए उन असंख्य सेनानियों की शहादात को हम सलाम करते हैं आज हमें उनके जीवन मूल्यों को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए।
इस अवसर पर पीसीसी सदस्य अजय कुमार श्रीवास्तव, महबूब निशा, सुमन चौबे, ज्ञान प्रकाश सिंह मुन्ना एवं हनुमान सिंह यादव , बाल रूप शर्मा ,उषा चतुर्वेदी, दिव्यांशु पांडे,रूद्रेश निगम ,सीमा विश्वकर्मा, राकेश राय , सुधांशु तिवारी,डॉ संगीता राजभर,आलोक यादव, राजेश गुप्ता विभूति राम राम नगीना पांडे शंभू कुशवाहा,रईस अहमद ,सतिराम सिंह, कैलाशपति कुशवाहा, विद्याधर पांडे ,नसीम अख्तर, माधव कृष्ण यादव, सूरज खरवार, संजय गुप्ता जी संजय सिंह सतीश गुप्ता हरिनाथ सिंह कुशवाहा, सोनू यादव आदि लोग उपस्थित रहे ।