गाजीपुर। उत्तर प्रदेश उत्तराखंड मेडिकल एन्ड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स एसोसिएशन (UPMSRA) ने जिलाधिकारी के माध्यम से उपमुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर दवा प्रतिनिधियों के अस्पताल में काम करने की रोक वाले बयान पर घोर आपत्ति जताई। संगठन के प्रदेश सचिव साथी आर0एम0 राय ने बताया कि हम दवा प्रतिनिधि को सेल्स प्रमोशन एम्प्लॉयीज एक्ट (सेवा शर्तें)- 1979 और ड्रग एन्ड कॉस्मेटिक एक्ट 1954 के तहत भारत की संसद से बने कानून से अधिकार प्राप्त है कि सिर्फ मेडिकल रिप्रेज़ेंटेटिव ही अस्पताल, क्लीनिक या डॉक्टर के चैंबर में उनसे मिलकर अपनी कम्पनी के उत्पाद का प्रचार कर सकते हैं। अतः हमे अपने संवैधानिक कार्य को करने से रोकना कानूनी अधिकार का खुल्ला उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि अगर हम अस्पताल में ना जाएं तो कहां पर काम करें यह उपमुख्यमंत्री बताएं।
प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मो0 अफ़ज़ल ने कहा कि केंद्र में उन्ही की पार्टी की सरकार है और केंद्र सरकार के ही कानून हमारे पर लागू हैं अतः उनका इस तरह का बयान कहीं से भी न्यायोचित नहीं है। उन्होंने यह मांग
की कि हमें काम करने की अनुमति दी जाए जिससे हम भी देश की अर्थव्यवस्था में भागीदार बने रहे।
डा. राममनोहर लोहिया अस्पताल (फर्रुखाबाद) का निरीक्षण करने पहुंचे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा था कि यदि सरकारी अस्पतालों में एमआर (दवा कंपनियों के प्रतिनिधि) मिलें तो तत्काल मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाए।
इस बयान के उपरांत आज यूपीएमएसआरए केंद्रीय कमेटी आवाहन पर जिला इकाई ने अपनी मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से ब्रजेश पाठक, उपमुख्यमंत्री को भेजा गया । साथ ही सरजू पांडेय पार्क में धरना सभा किया गया।
कार्यक्रम सैकड़ों साथियों समेत प्रमुख रुप से राजू चौरसिया, आरपीएस यादव, शिवम गुप्ता, बी0 के0 श्रीवास्तव, देव यादव, रविकांत तिवारी, संजय कुशवाहा, शुभम चौरसिया, मोहित गुप्ता, निखिल श्रीवास्तव, अविनाश त्रिपाठी, सद्दाम खान, अमित श्रीवास्तव, प्रिंस मोदनवाल, अमरनाथ श्रीवास्तव, संजय विश्वकर्मा, राजेश सिंह, अरविंद सिंह, प्रमोद भारद्वाज, सौरभ राय, हेमंत कुमार, हरिशंकर गुप्ता, रईस आलम आदि ने शिरकत किया। अध्यक्षता अध्यक्ष चंदन राय व संचालन निकेत तिवारी व विकास वर्मा ने संयुक्त रूप से किया।