राजा को खबर नहीं, भीलों ने..

गाजीपुर।राजा को खबर नहीं, भीलों ने बांट लिया वन । यही हुआ है विकास भवन में। सफाई और सुदंरीकरण के नाम पर हरे पेड़ों को काट दिया गया है।वह भी तब जब पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से पौधरोपण का अभियान चलाया जा रहा है। पेड़ भी एक दो नहीं बल्कि दो दर्जन से अधिक काटे गए हैं। इस चोरी को पकड़ा है राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार श्रीवास्तव ने। पेड़ काट कर उसकी लकड़ी भी गायब कर देने की जानकारी होने के बाद उन्होंने सोमवार को हंगामा खड़ा कर दिया। अब इस पर पर्दा डालने की कोशिश शुरु हो गई है। लेकिन दुर्गेश श्रीवास्तव ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो आर पार की लड़ाई होगी।
श्री श्रीवास्तव के अनुसार विकास भवन में सुंदरीकरण के नाम पर अधिकतर मोटे मोटे पेड़ कटवा दिए गए हैं। जिला वन अधिकारी से दूरभाष पर वार्ता के दौरान उन्होंने टालमटोल वाला जवाब दिया गया। मुख्य विकास अधिकारी को इन सब मामलों में जिम्मेदार बताया गया। मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य ने परिषद के जिलाध्यक्ष दुर्गेश कुमार श्रीवास्तव व भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष,शिक्षक नेता विजय शंकर राय को वार्ता के दौरान बताया कि छोटे-छोटे पेड़ों की छंटाई का निर्देश दिया गया था। किंतु अगर मोटा पेड़ काटा गया है, और इसमें जो भी जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी होगा,उसके ऊपर कार्यवाही की जाएगी। श्री श्रीवास्तव द्वारा मौके पर निरीक्षण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी को दिखाया गया कि नीम का पेड़,कदम का पेड़, सागवान का पेड़ व चिकवन का पेड़ सहित लगभग 23 हरे पेड़ कटे हुए मिले। जिसके उपरांत मुख्य विकास अधिकारी द्वारा संबंधित अधिकारी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिया गया, कि जितना भी पेड़ काटा गया है, उसकी पूरी लकड़ी विकास भवन के प्रांगण में तत्काल होनी चाहिए।उन्होंने सभी पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि कि जो भी दोषी होगा वह बख्शा नहीं जाएगा। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष दुर्गेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा भी 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया कि अगर इस पर उचित कार्रवाई नहीं होती है, तो बाध्य होकर के 1अगस्त 2023 से आपके कार्यालय के समक्ष सत्याग्रह जैसा आंदोलन शुरू किया जाएगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी आपकी होगी ।इस दौरान
जिला विकास अधिकारी सुभाष चंद्र बोस, जिला वन अधिकारी, दुर्गेश कुमार श्रीवास्तव, विजय शंकर राय, मांधाता सिंह ,अनुज अकेला, अतुल कुमार तिवारी, अतुल सिंह, गोपाल खरवार, अभय सिंह ,अमित कुमार, प्रमोद कुमार आदि लोग मौजूद रहे।

आखिर दोषी कौन

विकास भवन में हरे पेड़ों को काटे जाने का असल जिम्मेदार कौन है। यह सवाल सबसे महत्वपूर्ण है।पेड़ काटे तो होंगे मजदूर।लेकिन उनको काटकर लाभ कौन उठाना चाहता था। किसके आदेश पर इन्हें काटा गया। इन सवालों के जबाव जिला प्रशासन को ढूंढने होंगे। कोशिश तो होगी कि सूखे हुए बताकर सबको बचा लिया जाय अथवा किसी छोटे मुलाजिम का गला नापकर बलि का बकरा बना दिया जाय। इसमें जिलाधिकारी को अपने स्तर से हस्तक्षेप करना होगा।

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