सुलह समझौते से 91 520मामले सुलझे

गाजीपुर । राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण से प्राप्त निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में रविवार को प्रातः 08ः00 बजे जनपद न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर संजय कुमार जनपद न्यायाधीश द्वारा माॅ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप-प्रज्ज्वलित कर लोक अदालत का उद्घाटन किया गया । लोक अदालत के सफलता हेतु सभी अधिकारियों को अधिक से अधिक निस्तारण हेतु प्रोत्साहित किया गया। राकेश कुमार नोडल अधिकारी, लोक अदालत एवं दीपेन्द्र कुमार गुप्ता, पूर्णकालिक सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारण हेतु नियत वादों की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की गयी। इस अवसर पर सचिव ने बताया कि लोक अदालत से न्याय के क्षेत्र में क्रान्ति आई है।लोगो में विधिक जागरूकता भी बढ़ी हैं। उनके द्वारा जनपद न्यायाधीश के निर्देशानुसार राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रचार प्रसार हेतु किये गये प्रयासों के बारे में संक्षेप में जानकारी दी गयी तथा सामान्य अदालत एवं लोक अदालत में अन्तर को विस्तार से बताया गया।
इस अवसर पर संजय कुमार जनपद न्यायाधीश, चन्द्र प्रकाश तिवारी, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कक्ष सं0-01, अरविन्द मिश्र, स्पेशल जज, संजय कुमार यादव अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या-3, दुर्गेश, स्पेशल जज, शरद कुमार चौधरी, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी गाजीपुर, स्वप्न आनंद, सिविल जज (सी0डि0), अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी , दीपेन्द्र कुमार गुप्ता, पूर्णकालिक सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व न्यायालय के कर्मचारीगण सम्मलित हुए।
राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 110770 मामले निस्तारण हेतु नियत किये गये थे। जिसमें से सुलह समझौते एवं संस्वीकृति के आधार पर कुल 91520 वाद अंतिम रूप से निस्तारित किये गये। राजस्व विभाग आदि के 5769 मामले, विभिन्न न्यायालयों द्वारा 14022 मामले तथा बैंक एवं अन्य विभाग द्वारा कुल 71729 मामले निस्तारित किये गये।
राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 6,87,97,165/- रू0 की धनराशि के संबंध में आदेश पारित हुआ। दीवानी न्यायालय द्वारा कुल 3ए09ए68ए351/- रू0 के संबंध में आदेश पारित किया गया तथा राजस्व न्यायालयों एवं बैंक में कुल 3ए78ए28ए814/- रू0 के संबंध में सुलह-समझौता हुआ।
प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय, द्वारा 39 वाद निस्तारित किये गये तथा न्यायालय मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण द्वारा कुल 61 वाद निस्तारित किये गये व कुल-2112000/-रू0 की धनराशि के संबंध में आदेश पारित किया गया।
जनपद न्यायालय में फौजदारी मामलों में सबसे अधिक निस्तारण मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी शरद कुमार चौधरी द्वारा तथा दीवानी मामलों में सबसे अधिक निस्तारण सिविल जज (वरिष्ठ संवर्ग) स्वप्न आनन्द द्वारा किया गया।
पूर्णकालिक सचिव द्वारा जनपद न्यायालय के कर्मचारीगण, अधिवक्तागण, मीडियाकर्मी तथा पुलिस एवं प्रशासन के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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