गाजीपुरः 40-41 घंटे आज के समय में बगैर बिजली के रहने की कल्पना की जा सकती है और वह भी तब जब जुलाई का महीना चल रहा हो और बारिश का कहीं दूर दूर तक पता न हो।दावा तो 18 से 20 घंटे विद्युत आपूर्ति का है।और इसी दावे के दम पर गरीबों को किरोसिन की आपूर्ति भी बंद कर दी गई। तब विद्युत आपूर्ति विहीन लोगों के जीवन की कल्पना कर सकते हैं।लेकिन इसका असल स्वाद तो इस पीड़ा को भुगतने वाले ही बता सकते हैं। हालांकि जनपद के अधिकांश ग्रामीण इलाकों के निवासी इसके अभ्यस्त हो चुके हैं।फिर भी मुहम्मदाबाद तहसील क्षेत्र के शहबाजकुली विद्युत उपकेन्द्र से सेवित लोगों को कभी विभाग या सरकार से इसकी शिकायत नहीं रही।उन्होंने बिजली न आने की गणना घंटों में करना कब का छोड़ दिया है। जो लोग हफ्तों तक बिजली न आने पर बिलबिलाए हों उनके लिए 40 या 50 घंटे का कोई मतलब नही है।शुक्रवार की रात साढ़े नौ बजे से उपकेन्द्र से बिजली गुल हुई तो लोगों को मिली रविवार की दोपहर ढाई बजे।बारिश न होने के कारण किसानों को धान की रोपाई में वैसे ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है जो किसी तरह रोपाई कर लिए हैं उन्हें उसको विद्युत आपूर्ति बाधित होने के कारण बचाना मुश्किल हो जा रहा है।शहबाजकुली विद्युत उपकेन्द्र से दर्जनों गांव सेवित हैं।फिर भी विभाग उस पर ध्यान नहीं देता और छोटे छोटे फाल्ट से आपूर्ति बाधित होती रहती है।कर्मचारियों को मरम्मत के लिए सामान के लिए उच्चाधिकारियों और उपभोक्ताओं का मुंह देखना पड़ता है।जनप्रतिनिधि भी ग्रामीण फीडर होने के चलते इसके उपर कभी ध्यान नहीं देते।