निर्देश का नहीं हुआ पालन, खुलेआम विचरण कर रहे गोवंश, किसान बेहाल

           
गाजीपुर। निराश्रित गोवंश संरक्षण विशेष अभियान 01 नवम्बर से 31 दिसम्बर तक अभियान के अन्तर्गत पशुपालन विभाग द्वारा संचालित निराश्रित 4000 गोवंशीय पशुओं को पकड़ कर गोआश्रय स्थल में रखने का अभियान की समीक्षा की गयी। जनपद स्तरीय अर्न्तविभागीय बैठक जिलाधिकारी आर्यका अखौरी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में निर्धारित तिथि तक  लक्ष्य के सापेक्ष निराश्रित पशु संरक्षित न किये जानेे पर अधिकारियों को फटकार लगाते हुए 26 जनवरी  तक प्रत्येक दशा में निराश्रित पशुओ को संरक्षित कर प्रमाण पत्र देने का निर्देश दिया ।
समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने विकास खण्डवार संरक्षित पशुओं की जानकारी ली। जिसमें अधिकतर विकासखण्डों द्वारा लक्ष्य नहीं पूरा किया गया था जिस पर नाराजगी व्यक्त की। नगर पालिका परिषद गाजीपुर द्वारा अभियान के दौरान मात्र 21 पशु संरक्षित करने पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए अधीशासी अधिकारी का वेतन रोकने का निर्देश दिया । उन्होने सख्त निर्देश दिया कि 26 जनवरी के पश्चात कोई भी गोवंश निराश्रित अवस्था में विचरण करते पाये जाते हैं तो सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित होगी। निराश्रित पशुओं के द्वारा यदि कोई भी घटना दुर्घटना होती है तो सम्बन्धित अधिकारी निलंबित होंगे। उन्होने प्रत्येक विकास खण्डों में बनाये जा रहे अस्थाई गो-आश्रय स्थल को 10 दिनो के अन्दर मजदूरों की संख्या बढाते हुए पूरा कराने का निर्देश दिया। उन्होने पशुओं को ठण्ड से बचाव हेतु आश्रय स्थल पर अलाव की व्यवस्था, चारा ,पानी, टीन सेड व तिरपाल से सुरक्षित करने का निर्देश दिया। उन्होने कहा कि पशु आश्रय स्थल पर केयर टेकर एवं आस पास हरे चारे की व्यवस्था अवश्य की जाये। गोबर के निस्तारण हेतु मनरेगा से वर्मी कम्पोस्ट पिट बनाया जाये। जिलाधिकारी ने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने क्षेत्र में वास्तविक छुट्टा गोवंशीय पशुओं की अभियान चयलाकर संरक्षित कराएं। अभियान की समाप्ति पर इस आशय का प्रमाण पत्र देना होगा कि अब क्षेत्र में कोई भी गोवंशीय पशु नही है। इस अभियान में सभी पशु चिकित्साधिकारी भी सक्रिय सहयोग करते हुए पशुओं का संरक्षण के साथ-साथ उनके इलाज, टीकाकरण, टैगिंग का शत-प्रतिशत कार्य पूरा करायें।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य, जिला पंचायत राज अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, समस्त खण्ड विकास अधिकारी, समस्त पशुचिकित्साधिकारी एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

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