कारवां गुजर गया, गुबार

नींद भी खुली न थी,
कि हाय धूप ढल गयी,
पांव जब तलक उठे,
कि जिंदगी फिसल गयी,
पात-पात झर गये,
कि शाख शाख जल गयी,
चाह तो निकल सकी न,
पर उम्र निकल गयी,
उम्र के चढाव का उतार देखते रहे ,
कारवां गुजर गया
गुबार देखते रहे ।।
गाजीपुर। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के तत्वावधान में महासभा के जिलाध्यक्ष अरूण कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में उन्हीं के चंदन नगर स्थित आवास पर महाकवि गोपाल दास नीरज की जयंती पर माल्यार्पण कार्यक्रम एवं विचार गोष्ठी आयोजित हुई।
गोष्ठी आरंभ होने के पूर्व महासभा के सभी कार्यकर्ताओं ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर‌ श्रद्धांंजलि अर्पित किया।
महासभा के जिलाध्यक्ष अरूण कुमार श्रीवास्तव ने नीरज जी को नमन करते हुए कहा कि नीरज जी हिंदी के महान साहित्यकार,शिक्षक ,काव्य वाचक और गीत लेखक के साथ साथ महान गीतकार थे। कवि सम्मेलनों के मंच के वह गीत प्रस्तुति और संचालन के महान फनकार थे।वह पहले व्यक्ति थे जिन्हें शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र मे भारत सरकार ने उन्हें दो-दो बार सम्मानित किया। पहले उन्हें पद्म श्री और फिर पद्म भूषण से ।यही नहीं फिल्मों में सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन के लिए लगातार तीन बार फिल्म फेयर के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।मुलायम सिंह ने अपने कार्यकाल में भाषा संस्थान का अध्यक्ष नामित कर उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्रदान किया था।उनके रचना संसार का फलक इतना बड़ा है कि वह अपने चाहने वालों के दिलों में आजीवन जिंदा रहेंगे।
इस अवसर पर मुख्य रूप से मोहन लाल श्रीवास्तव,चन्द्रप्रकाश श्रीवास्तव,मनीष श्रीवास्तव,अश्वनी श्रीवास्तव,अनूप श्रीवास्तव,हर्ष,आर्यन,प्रियांशु,मेघाआदि उपस्थित थे। गोष्ठी का संचालन जिला महामंत्री अरूण सहाय ने किया।

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