“फिरकी वाली” की नाट्य प्रस्तुति से दर्शक मंत्रमुग्ध

गाजीपुर। प्रो. रामबदन राय की औपन्यासिक कृति फिरकी वाली (1984) के नाट्य रूपांतर की अद्भुत प्रस्तुति रविवार सायं (5-8 बजे तक) जोगामुसहिब में सम्पन्न हुई।
कहवां से पावले रे डोमवा कहवां से पावले रे !
एतना सुघर रे डोमिनिया डोमवा कहवां से पवले रे !!

‘फिरकी वाली’ प्रो राम बदन राय (प्रकाशित,1984) की एक अनूठी औपन्यासिक कृति है। समकालीन सामाजिक – संदर्भों की एक जीती जागती तस्वीर पेश करती यह कृति अपने आप मे एक क्लासिकी है जिसमे रोमांस है, क्लास कन्फ्लिक्ट है, सस्पेंस और एडवेंचर भी है और ट्रैजी -कमेडी के मानक तत्व भी।
सुगिया – सोहना की रूमानी कहानी एक क्लासिक कथानक है. डोम – अतिदलित वर्ग का रहन सहन, उनका राग द्वेष , खान-पान, प्रेम-अनुराग, गाना-बजाना सब एक अद्भुत दृश्य संसार की रचना करते हैं. गनेशी , मुखिया , देवेन, दिवानी और…..अनेक चरित्र तो आपके गाँव गिरांव के ही हैं।

वाइल्ड बंच क्रिएशन्स द्वारा ‘फिरकी वाली’ का थिएटर परफॉर्मेंस खुले आसमान के नीचे हुआ जो सैकड़ों की संख्या में उपस्थित नाट्य प्रेमियों के लिए अत्यंत आनंद दायक अनुभव था। वाइल्ड बंच क्रिएशन्स की स्नेहा डे सुगिया, समीर खान सोहना तथा सुनील यादव ने गनेशी के रोल मे उत्कृष्ट अभिनय किया। कृष्णा मिठ्ठू का पार्श्वगायन तो शानदार रहा।

नाट्य प्रस्तुति से पूर्व एक कार्यक्रम में प्रो. राम बदन राय के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित “गंवई गुलिस्तां का गुलाब” पुस्तक का विमोचन एवं परिचर्चा सम्पन्न हुई।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए डॉ. मान्धाता राय ने प्रो. रामबदन राय को एक कालजयी रचनाकार बताया। युवा लेखक व विचारक माधव कृष्णा ने प्रो. राय को आधुनिक कबीर कहा तो डॉ. द्वारिका नाथ राय ने फिरकी वाली को उनकी मास्टर पीस बताया। रामावतार ने अपने संबोधन में कहा कि ग्राम जीवन साहित्य सृजन के लिए उपयुक्त आधारभूमि तैयार करती है और प्रो. राय ने इसका भरपूर उपयोग किया है।
कार्यक्रम में डॉ. द्वारिका नाथ राय, श्री रामावतार, शेष नाथ राय, डॉ. संतोष सिंह, डॉ. राकेश पाण्डेय, डॉ. सतीश राय, डॉ. गजाधर शर्मा गंगेश, डॉ. राजेन्द्र भारती, श्री राम राय, डॉ. व्यास मुनि राय, सुहेल खान, डॉ. दिनेश शर्मा, मोती प्रधान आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम के अंत मे स्वामी सहजानन्द पीजी कालेज, गाजीपुर के प्राचार्य प्रो. वी के राय ने आगंतुक अतिथि जनों का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संयोजन श्री संतोष राय तथा संचालन प्रो. अजय राय ने किया।

Check Also

राजस्व वसूली पर ध्यान दें अधिकारी

                              …