हमारी खामोशी हमारा सबसे बड़ा गुनाह

गाजीपुर। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के संगठन की समीक्षा बैठक जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में मिट्ठनपारा स्थित एक पैलेस में मंगलवार की शाम हुई।
बैठक में उपस्थित बतौर मुख्य अतिथि कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष (पूर्वी संभाग)अनिल कुमार श्रीवास्तव और प्रदेश उपाध्यक्ष और मंडल प्रभारी पंकज श्रीवास्तव ने सांगठनिक कार्यों की समीक्षा की और शानदार संगठन‌ चलाने के लिए पदाधिकारियों की पीठ ठोंकी। उन्होंने सदस्यता अभियान की अंतिम तारीख 15 अगस्त से बढ़कर 30अगस्त‌ तक होने की भी जानकारी दिया ।
बैठक के पूर्व जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव और जिला महामंत्री अरूण सहाय ने मुख्य अतिथिगण का माल्यार्पण कर एवं अंगम् वस्त्रम् तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार श्रीवास्तव ने सांकेतिक रूप से कुछ पदाधिकारियों को मनोनयन पत्र भी वितरित किया।
कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार श्रीवास्तव ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि हमारे समाज के महापुरुषों ने देश को आजादी दिलाने में अग्रणी भूमिका निभाई और जब देश आजाद हुआ तो आजाद भारत को नई दिशा दिखाने का काम भी उन्होंने ही किया। हमारे महापुरुषों ने देश को प्रथम मानते हुए अपना सर्वस्व न्योछावर करने में कोई कसर नहीं छोड़ा।धर्म, संस्कृति, अध्यात्म,कला, विज्ञान, राजनीति और राष्ट्रसेवा में सदैव समर्पित रहने वाले हमारे समाज के लोगों ने सदैव सकारात्मक संदेश दिया लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि राजनीतिक दुराग्रह से प्रेरित राजनीतिक दल हमारी घोर उपेक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब खामोश रहने का वक्त नहीं है, खामोशी ही हमारा सबसे बड़ा गुनाह साबित हुई है।अब मुखर होकर अपने हक हकूक और अधिकार की बात करनी होगी और अपनी उपेक्षा करने वाले को मुंहतोड़ जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल हमारी उदारता और चुप्पी को हमारी कमजोरी समझ रहे हैं लेकिन कायस्थ समाज चुप बैठने वाला नहीं है बल्कि राजनीतिक दलों की उपेक्षा और दुराग्रह को देखते हुए कायस्थ समाज अपना राजनीतिक दल बनाने पर विचार कर रहा है।
प्रांतीय उपाध्यक्ष मुक्तेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव ने कहा कि हमें अपने अंदर से संकोच, झिझक और शर्म समाप्त करने की जरूरत है और गर्व से यह बताने की जरूरत है कि‌ हम स्वामी विवेकानंद, डॉ राजेन्द्र बाबू, लाल बहादुर शास्त्री, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, डॉ सुभाष चन्द्र बोस,शहीद खुदीराम बोस, डॉ सम्पूर्णानंद, गणेश शंकर विद्यार्थी, मुंशी प्रेमचंद जैसे तमाम महापुरुषों के वंशज हैं। हम अपनी पहचान के मोहताज नहीं हैं। हमारा ईमानदारी और देशभक्ति का इतिहास रहा है। बहुत हुई हमारी उपेक्षा और अपमान अब हम अपना अपमान‌ और उपेक्षा किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। अब हम संघर्ष के रास्ते पर चलकर सियासी गलियारों में अपना मुकाम पुनः हासिल करेंगे ।
प्रदेश उपाध्यक्ष एवं मंडल प्रभारी पंकज श्रीवास्तव ने संगठन को और मजबूत बनाने का आह्वान किया और कहा कि संगठित होना वक्त की जरूरत। उन्होंने देश और प्रदेश में तमाम जातीय संगठनों का हवाला देते हुए कहा कि आज तमाम जातियां संगठित होने के चलते तमाम बड़े राजनीतिक दलों को अपने आगे पीछे घुमा रही है। हमें उनसे सबक लेकर संगठित होकर सत्ता में भागीदारी हासिल करने की जरूरत है।
इस बैठक में सेन्ट्रल बार संघ कासिमाबाद के अध्यक्ष अजय कुमार श्रीवास्तव,रमेशचंद्र श्रीवास्तव ,कालिका लाल श्रीवास्तव, संतोष श्रीवास्तव,शैलेश श्रीवास्तव , विवेक श्रीवास्तव,गोविंद प्रसाद श्रीवास्तव,अमर सिंह राठौर,आशुतोष श्रीवास्तव, परमानंद श्रीवास्तव,शैल श्रीवास्तव, डॉ सुधीर श्रीवास्तव, संजय श्रीवास्तव,आनन्द प्रकाश श्रीवास्तव अश्वनी श्रीवास्तव,अजय कुमार श्रीवास्तव, मोहनलाल श्रीवास्तव,अमरनाथ श्रीवास्तव,मनीष श्रीवास्तव,विजय प्रकाश श्रीवास्तव,अनूप कुमार श्रीवास्तव, अनुराग श्रीवास्तव,अनिल कुमार श्रीवास्तव,नवीन श्रीवास्तव ,दीपक श्रीवास्तव ,कमल प्रकाश श्रीवास्तव,प्रखर श्रीवास्तव,आर्यन श्रीवास्तव ,गौरव श्रीवास्तव,अनिल कुमार,श्रेयांस सहाय,हर्ष श्रीवास्तव,सुभांशु श्रीवास्तव, अवनीश वर्मा,मिलन वर्मा, मोहनलाल श्रीवास्तव,आनन्द श्रीवास्तव,के सिन्हा,विनीत श्रीवास्तव,पंकज श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।

Check Also

राजस्व वसूली पर ध्यान दें अधिकारी

                              …