शारीरिक,मानसिक, यौन शोषण के डर के साथ कार्य करतीं हैं अनुसूचित जाति की महिलाएं

गाजीपुर। पी०जी० कालेज में पूर्व शोध प्रबंध संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी महाविद्यालय के अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ तथा विभागीय शोध समिति के तत्वावधान में महाविद्यालय के सेमिनार हाल में सम्पन्न हुई। जिसमें महाविद्यालय के प्राध्यापक, शोधार्थी व छात्राएं उपस्थित रहे। संगोष्ठी में अर्थशास्त्र विषय की शोधार्थिनी पूजा सिंह ने अपने शोध प्रबंध शीर्षक “अनुसूचित जाति की महिलाओं के सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति का अध्ययन (जनपद गाजीपुर के विकास खण्ड करंडा के विशेष सन्दर्भ में ” नामक विषय पर शोध प्रबंध व उसकी विषय वस्तु प्रस्तुत करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति की महिलाओं में शिक्षा का स्तर आज भी निम्न है। शोध में इस बिन्दु पर 86.67% उत्तरदाताओं ने सहमति जताई है। अनुसूचित जाति की महिलाओं ने स्वीकार किया कि शिक्षा के माध्यम से उनकी सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में सुधार आ रहा है। कई महिलाएं स्वावलंबी होकर जीवन यापन कर रही है तथा परिवार और समाज उन पर विश्वास करता है तथा उनके अधिकारों को सम्मान के साथ प्रदान करते हैं। अनुसूचित जाति की महिलाएं असंगठित क्षेत्र में निम्न दर्जे का कार्य करने के लिए बाध्य की जाती है। इन्हें समान कार्य के लिए समान वेतन नहीं मिलता, इन्हें शारीरिक मानसिक एवं यौन शोषण का डर बना रहता है। काम छूटने के डर से और मजबूरी में शोषण सहन करती रहती हैं। लैंगिक समानता के संदर्भ में 60 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने यह स्वीकार किया कि लिंग के आधार पर उनके साथ अत्यंत भेदभाव होता है। प्रस्तुतिकरण के बाद विभागीय शोध समिति, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ व प्राध्यापकों तथा शोध छात्रों द्वारा शोध पर विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे गए जिनका शोधार्थिनी पूजा सिंह ने संतुष्टिपूर्ण एवं उचित उत्तर दिया। उसके तत्पश्चात समिति एवं महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने शोध प्रबंध को विश्वविद्यालय में जमा करने की संस्तुति प्रदान किया।
इस संगोष्ठी में महाविद्यालय के अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के संयोजक प्रोफे० (डॉ०) जी० सिंह, शोध निर्देशक डॉक्टर श्रीकांत पाण्डेय, अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ० रविशेखर सिंह, प्रोफे०(डॉ०) अरुण कुमार यादव, प्रोफे० (डॉ०) सत्येंद्र नाथ सिंह, डॉ० कृष्ण कुमार पटेल, डॉ० रामदुलारे, डॉ० योगेश कुमार, डॉ० शिवशंकर यादव, डॉ० हरेंद्र सिंह एवं महाविद्यालय के प्राध्यापकगण तथा शोध छात्र- छात्राएं उपस्थित रहे। अंत में अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के संयोजक प्रोफे०(डॉ०) जी० सिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

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