किसानों,मजदूरों के साथ संयुक्त मोर्चा बनाएं दवा प्रतिनिधि

गाजीपुर। अपने प्रदेश कमेटी के आवाहन पर उत्तरप्रदेश उत्तराखंड मेडिकल एन्ड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स एसोसिएशन (UPMSRA) ग़ाज़ीपुर इकाई की विशिष्ट आम सभा (स्पेशल जनरल बॉडी मीटिंग) का आयोजन शहर के बद्रीचन्द पोखरे के पास स्थित एक मैरेज हॉल में आयोजित हुई।
बैठक में राष्ट्रीय संगठन FMRAI के पूर्व महामंत्री जे0 एस0 मजूमदार व राष्ट्रीय यूनियन CITU के राष्ट्रीय सचिव के0एन0 उमेश उपस्थित रहे।
विशिष्ट आम सभा में अपनी बात रखते हुए साथी के0 एन0 उमेश ने वर्तमान समय में किसानों, मज़दूरों व दवा प्रतिनिधियों की समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वर्तमान केंद्र सरकार ने बड़े पूंजीपतियों को खुश करने व उनके दबाव में मज़दूरों के लिए मौजूदा 44 श्रम कानूनों को समाप्त कर 4 नए श्रम कोड ला रही है । जिसमें मज़दूरों के हक़ व अधिकारों पर सीधा हमला है।
उन्होंने मज़दूरों कर्मचारियों तथा किसानों के द्वारा स्वतंत्रता आंदोलन में बड़ी भूमिका को रेखांकित किया और कहा कि आज भी अंग्रेजो की तर्ज पर सरकार मज़दूरों कर्मचारियों को बांट कर गुमराह करने की मंशा रखती है। जिसकी हमारा संगठन घोर निंदा करता है। कहा कि अब हमें किसानों मज़दूरों की एकता को और बढ़ाते हुए एक संयुक्त मोर्चा बनाना होगा और एकजुटता के साथ अपने आंदोलनों को और तेज़ करना होगा। जिससे किसान मजदूर विरोधी नीतियों को पीछे धकेला जा सकेगा।उन्होंने अपने यूनियन की गतिविधियों, सफलताओं और साथ ही साथ अपनी सांगठनिक कमज़ोरियों को भी रेखांकित किया।
बैठक को संबोधित करते हुए FMRAI के पूर्व महामंत्री जे0एस0 मजूमदार ने बताया कि नए वेतन सम्बन्धी कोड में सरकार ने दवा प्रतिनिधियों को बाहर कर दिया और दवा प्रतिनिधियों के लिए संसद में प्राप्त एकमात्र कानून SPE ACT को भी उद्योग सम्बन्धी कोड के तहत खत्म कर दिया है।
उन्होंने बताया कि 26 नवम्बर 2020 को देश भर के किसान मज़दूरों ने नए श्रम कानूनों व तीन कृषि बिल के विरोध में आंदोलन किया, जो लगातार एक साल चलने के बाद सरकार ने वापस लिया। लेकिन 4 नये श्रम कोड को वापस नहीं लिया है।
उन्होंने दवा प्रतिनिधियों की वैधानिक पहचान व उनके नामकरण पर चर्चा करते हुए बताया कि भारत की उच्चतम न्यायालय की 5 सदस्यीय पीठ द्वारा सन 1992 में हमारा नाम “मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्” दिया गया। ड्रग एन्ड कॉस्मेटिक एक्ट 1954 के तहत यह निर्देश भी दिया कि एक मेडिकल रिप्रेज़ेंटेटिव ही अस्पतालों व डॉक्टरों को दवा की गुणवत्ता, प्रचार प्रसार कर सकता है दूसरा कोई नहीं भले ही कोई दवा कम्पनी का मैनेजर हो अथवा मालिक हो।
उन्होंने बताया कि सेल्स के नाम पर दवा प्रतिनिधियों पर दवा कंपनियों द्वारा लगातार वेतन रोकना, ट्रांसफर, सेवा बर्खास्तगी इत्यादि करती हैं जोकि पूरी तरह से ग़लत है। सेल्स एक संयुक्त ज़िम्मेदारी है केवल अकेले दवा प्रतिनिधि की नहीं, उन्होंने दवा प्रतिनिधियों को अपनी चेतना बढ़ाते हुए एकजुटता के साथ, भाईचारे के साथ काम करने पर ज़ोर दिया।

बैठक में UPMSRA के प्रदेश सचिव आर0 एम0 राय, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य पीयूष उपाध्याय, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मो0 अफ़ज़ल समेत नागेश मिश्रा, विनय तिवारी, ज्योतिभूषण, सुधीर राय, संजय कुशवाहा, बी0के0 श्रीवास्तव, ए0के0 चौबे, संजय विश्वकर्मा, हिम्मत राय, राकेश त्रिपाठी, अमरनाथ, रामाश्रय यादव, आशीष राय, निकेत तिवारी, सलीम खान, अनवर अली, राजेश सिंह, अविनाश, राजेश, रविकांत तिवारी, एम0 पी0 राय, अबिषेक तिवारी, ए0के0 जैन, हरिशंकर गुप्ता, राजू पांडेय, अमित कुमार, शिवम गुप्ता, मोहित गुप्ता, आरपीएस यादव, रईस आलम, प्रेमचन्द्र, अजीत राय, अरविंद सिंह, रितेश दत्त पांडेय,सौरभ गुप्ता, अविनाश त्रिपाठी, विकास वर्मा, दिग्विजय यादव, सत्यम गुप्ता, मेघनाथ, मनोहर, वीनोद शर्मा, राहुल तिवारी, अहमद अंसारी, देव यादव, राम सिंह, मो0 निज़ामुद्दीन, शुभम पाठक, हेमंत कुमार, हर्ष राय, प्रिंस गुप्ता, अभिनय राय, ओंकार मिश्रा, शेखर राय, राजेश कु0 राय, सर्वेश मिश्रा, एम0पी0 सिंह, आशुतोष सिंह, अश्विनी कुमार, सद्दाम खान, अंकित वर्मा, धर्मेंद्र कुमार, रामजीत कुमार, प्रशांत राय, निखिल श्रीवास्तव, मनीष श्रीवास्तव, अविनाश चौहान, अनूप कुमार, विशाल जायसवाल, सूरज विश्वकर्मा आदि उपस्थित रहे।
अध्यक्षता चंदन कुमार राय व संचालन मयंक श्रीवास्तव व विकास वर्मा ने संयुक्त रूप से किया।

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