खंड विकास अधिकारियों के भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर हुए प्रधान

गाजीपुर। खंड विकास अधिकारियों के भ्रष्टाचार से प्रधान परेशान हैं। उनके भ्रष्टाचार के अतिरिक्त भी अनेक समस्याएं हैं जिनके कारण वह अपनी ग्राम पंचायत में सुचारू रूप से कार्य नहीं कर पा रहे हैं।जनदबाव और विकास विभाग से जुड़े अधिकारियों की मनमानी के बीच पिसते जिला प्रधान संगठन ने मंगलवार को जिलाधिकारी के प्रतिनिधि सीआरओ से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में संगठन ने मांग किया है कि जिस भूमि पर सामुदायिक शौचालयों और पंचायत भवनों का निर्माण हुआ है उस जमीन को उसके नाम पर आवंटित किया जाय। गांव में चकरोड और आरक्षित श्रेणी की भूमि पर से अतिक्रमण हटवाया जाय,इसमें कोई भेदभाव न किया जाय। इस वित्तीय वर्ष के चार माह व्यतीत हो चुके हैं अभी तक वर्क आईडी बन रही है और न ही भुगतान हो रहा है। मनरेगा योजना में खंड विकास अधिकारियों द्वारा घूस लेकर मानक के विपरीत आईडी बनाई जा रही है तथा कार्य स्वीकृत करके भुगतान किया जा रहा है।ग्राम पंचायत में क्षेत्र पंचायत की ओर से नाजायज दबाव बनाया जा रहा है जो उचित नहीं है। शासनादेश के अनुसार एक ग्राम पंचायत से दूसरी ग्राम पंचायत को जोड़ने वाले कार्य को क्षेत्र पंचायतें बगैर अनापत्ति प्रमाण पत्र के कर रही हैं, जिसे रोका जाय। वित्तीय स्वीकृति का अधिकार पांच लाख रुपये तक कर दिया गया है इसका पालन मनरेगा में कराया जाय। ग्राम पंचायतों में पौधरोपण के दिए जाने वाले पौधे फलदार रहेंगे तो उपयोगी होगा।जंगली पौधों की कोई देखरेख नहीं करता।आपूर्ति विभाग द्वारा बगैर प्रधानों से प्रमाण पत्र लिए अवैध धन लेकर राशनकार्ड बनाया जा रहा है। कोटेदारों के स्टाक का सत्यापन भी मनमानी ढंग से किसी से करा लिया जा रहा है।लाभार्थी योजनाओं की सूची विभागों द्वारा प्रधानों को उपलब्ध कराया जाय। ग्राम पंचायत द्वारा कराए जाने वाले कार्यों का भुगतान तीन चरणों में किया जा रहा है जो उचित है। ग्राम पंचायतों में पैमाइश भी गलत की जा रही है।जिससे विवाद पैदा हो रहा है।
पत्रक सौंपने वालों में जिलाध्यक्ष मदन सिंह यादव, मुहम्मदाबाद के अध्यक्ष बृजलाल यादव, संजय सिंह, बलवंत सिंह, सोनू कुमार, राम इकबाल, जमशेद राइनी,यासमीन, गयासुद्दीन, गोपाल पासी,शशिकांत शर्मा, हरिश्चंद्र यादव,राजेश राय, श्याम नारायण यादव,जयप्रकाश, मुन्ना यादव, सरफुल्ला अंसारी आदि शामिल थे।

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