पसमांदा समाज का स्वतंत्रता आंदोलन में अविस्मरणीय योगदान

गाजीपुर।आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज ने बाबा ए कौम अब्दुल कयूम अंसारी और परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद की जयंती शनिवार को भारद्वाज भवन के सरयू पांडे सभागार में मनाई गई।
इस मौके पर “आजादी की लड़ाई और देश के विकास में एस. सी./एस. टी. और ओबीसी पसमांदा योगदान और आज का भारत” विषयक गोष्ठी भी हुई। विषय का प्रवर्तन करते हुए पसमांदा पहल पत्रिका के संपादक डॉ.इकबाल अंसारी ने कहा की सच्चाई को जितना छिपाया जाय वह छुपती नहीं है। उसी तरह शोषितों, वंचितों और पसमांदा के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। स्वाधीनता आंदोलन में उनका योगदान महान रहा है।अब्दुल कयूम अंसारी ने राष्ट्रीय आजादी के आंदोलन में अहम भूमिका अदा किया वहीं पर अपने पैर जमाने की कोशिश कर रहे भारत पर पाकिस्तानी आक्रमण का करारा जवाब वीर अब्दुल हमीद ने जान की बाजी लगाकर दिया।
मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष महाज रफीक अंसारी ने कहा की बाबा ए कौम अब्दुल कयूम अंसारी कांग्रेस में रहते हुए कभी भी मुस्लिम लीग के बटवारे की नीति का समर्थन नहीं किया अपितु आगे बढ़कर मुस्लिम लीग, मायते इस्लामी, आर. एस.एस.जैसे सांप्रदायिक संगठनों पर प्रतिबंध लगाने और वैचारिक आंदोलन चलाने की जोरदार आवाज उठाई। उन्होंने मुस्लिम लीग को चुनाव में अभियान चलाकर पराजित भी किया। आजादी के बाद 1965 के भारत पाकिस्तान के युद्ध में पसमांदा सपूत परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद ने अपनी कुर्बानी से यह साबित कर दिया की भले देश बंट गया लेकिन भारत में रहने वाले मुस्लमान पहले भारतीय हैं बाद में मुसलमान।

भाकपा राज्य कार्यकारिणी सदस्य अमेरिका सिंह यादव ने कहा कि भारत का निर्माण करने में कमेरी, पिछड़ी, शोषित, पीड़ित जनता का बड़ा योगदान है, परंतु उनका न तो यथोचित विकास हुआ और न ही उनको समुचित अधिकार मिला। आज देश के समक्ष संविधान, लोकतंत्र, गंगा- यमुनी संस्कृति, साझी शहादत और साझी विरासत को बचाने की गंभीर चुनौती है।राजनीति में जीवन के प्रश्नों को दरकिनार कर विभाजनकारी नीतियां अपनाई जा रही है।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में सामाजिक कार्यकर्ता माया साहू ने कहा कि 1857 की जंग की स्वाधीनता आंदोलन में पसमांदा महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया है। आज देश के सृजन की निर्माण में वे आगे बढ़ कर काम कर रही हैं।
कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता रामचंद्र राम, रविन्द्र राम, राजेश्वर राम, समकालीन सोच के संपादक नगीना सिंह कुशवाहा, रामदत राम, राधेश्याम केसरी, कम्युनिस्ट नेता अमेरिका सिंह यादव, युवा साहित्यकार मनोज कुमार, महिला डिग्री कालेज गाजीपुर के प्रोफेसर संतन कुमार और प्रो. निरंजन यादव ने अपने विचार वयक्त किए।
कार्यक्रम का संचालन जिला अध्यक्ष फैयाज अहमद शाह ने किया।

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