पीजी कालेज में संगोष्ठी

गाजीपुर। आज पी. जी. कॉलेज, गाजीपुर में पूर्व शोध प्रबंध संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी महाविद्यालय के शोध अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ तथा विभागीय शोध समिति के समक्ष महाविद्यालय के सेमिनार हाल में सम्पन्न हुई, जिसमें महाविद्यालय के प्राध्यापक, शोधार्थी व छात्र/ छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। उक्त संगोष्ठी में हिंदी विषय की शोध छात्रा नीतू यादव ने अपने शोध प्रबंध की विषय वस्तु को प्रस्तुत किया प्रस्तुति के उपरांत शोध समिति के सदस्यों एवं प्राध्यापकों द्वारा शोध पर विभिन्न प्रकार के प्रश्न किया गया, जिसमें नीतू यादव ने सभी प्रश्नों का उत्तर दिया शोध प्रबन्ध पूर्व संगोष्ठी निराला जी के विद्रोही विचारों के मूल्यांकन पर किया गया। नीतू यादव ने बताया कि निराला जी एक विद्रोही चेतना के कवि तथा लेखक थे। इस विद्रोह का प्रभाव उनके सम्पूर्ण साहित्य पर पड़ा। समाज में वर्ग संघर्ष तथा कुप्रथाओं को देखकर उनके अन्दर क्रांति का उद्वेलन हुआ। समाज मे कमजोर वर्ग के प्रति उनके हृदय में अपार प्रेम समाया हुआ था। उन्होनें शोषक वर्ग के प्रति विद्रोह किया। निराला एक प्रकार से कबीर की परम्परा के कवि हैं। निराला जी के अन्दर सामाजिक असमानता ने विद्रोही स्वर भर दिया। महाविद्यालय के अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के संयोजक प्रोफे० (डॉ०) जी० सिंह, मुख्य नियंता डॉ दिनेश कुमार सिंह प्रोफे०(डॉ०) रविशंकर सिंह, डॉ० मनोज कुमार मिश्र, डॉ० रुचि मूर्ति सिंह, डॉ० रविशेखर सिंह, डॉ० हरेंद्र सिंह, डॉ० अमित सिंह आदि महाविद्यालय के प्राध्यापक गण उपस्थित रहे। हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफे० (डॉ०) विनय कुमार दुबे ने सबका आभार व्यक्त किया। अंत में प्राचार्य प्रोफे० ( डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय द्वारा शोधार्थी को शोध प्रबंध जमा करने की संस्तुति प्रदान की गयी।

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