आर्थिक शोषण नहीं रुका तो किसान करेंगे आंदोलन

गाजीपुर।किसान सुगबुगा रहे हैं।अपने आर्थिक शोषण के खिलाफ लामबंद होते दिख रहे हैं। प्रशासन ने पहल कर उन्हें संतुष्ट नहीं किया तो यह चिंगारी बड़े आंदोलन का रुप ले सकती है।इसकी पहल भी सोमवार को किसानों ने कर दी। जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी मुहम्मदाबाद को इस चेतावनी के साथ सौंपा कि यदि उन्हें आर्थिक शोषण से बचाने के लिए प्रशासन ने पहल नहीं किया तो वह धरना, प्रदर्शन और आंदोलन करेंगे।इस किसानों के कसमसाहट के केंद्र में जनपद के आलू उत्पादक किसान हैं।
जिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में किसानों ने आरोप लगाया है कि शीतगृह संचालक प्रतिवर्ष आलू भंडारण के किराए में मनमानी वृध्दि कर दे रहे हैं। इस वर्ष भी प्रति कुंतल 20 रुपये की वृध्दि कर दिए हैं और 270 रूपये प्रति कुंतल किराया किसानों से वसूलने की तैयारी में हैं।अभी कुछ दिन पहले जब आलू उत्पादक किसानों की समस्याओं को विपक्षी दलों और मीडिया ने प्रमुखता से उठाया था तो सरकार ने बताया था कि सामान्य आलू के भंडारण का किराया 230 रुपया तथा सुगर फ्री आलू का किराया 260 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित है।
किसानों ने अपने पत्रक में कहा है कि शासन द्वारा निर्धारित किराए 230 रुपये प्रति कुंतल के स्थान पर शीतगृह संचालक 270 रुपये के साथ 20 रुपये लोडिंग, निकासी के नाम पर अतिरिक्त ले रहे हैं।कुल मिलाकर 60 रुपये प्रति कुंतल अतिरिक्त किराया वसूलने की तैयारी में शीतगृह संचालक हैं।किसान इसे अपना आर्थिक शोषण बता रहे हैं और इसमें प्रशासन की भी मिलीभगत मान रहे हैं।
ज्ञापन सौंपने वाले प्रमुख किसानों में सुरेश प्रधान,रमेश सिंह यादव, रमाशंकर यादव, श्री राम सिंह, श्रीकांत राय, पप्पू राय, जयराम यादव,चंद्र बली सिंह कुशवाहा, गौतम मुनि प्रधान, पीयूष कांत राय, विनोद प्रधान, घनश्याम पासवान, श्यामा नंद प्रधान, महेंद्र सिंह यादव, राम नरायन यादव, आनंद प्रधान, विपिन कुमार राय, हरीश कुमार राय, अभय कुमार राय आदि थे।

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