अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़,नम आंखों से दी विदाई

गाजीपुर । पड़ोसी देश नेपाल के पोखरा नामक स्थान पर वायुयान दुर्घना में मृत 4 व्यक्तियों का अंतिम संस्कार मंगलवार को महाश्मशान मां गंगा तट सुल्तानपुर में कर दिया गया। शवयात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। वाहनों आदि को व्यवस्थित करने के लिए भारी पुलिस बल को तैनात किया गया था। पूर्व ब्लॉक प्रमुख मित्रसेन प्रधान अंत्येष्टि स्थल पर लोगों के खड़े होने की जगह नहीं थी। इसलिए शव यात्रा में आए वाहनों को सुल्तानपुर चट्टी पर ही रोक दिया गया। शव यात्रा में बलिया सांसद विरेंद्र सिंह मस्त,पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह, सपा जिलाध्यक्ष रामधारी यादव आदि प्रमुख नेता शामिल थे।
विमान दुर्घटना के मृतकों में अभिषेक कुशवाहा पुत्र चन्द्रमा कुशवाहा उम्र 26 वर्ष निवासी ग्राम धरवॉ तहसील कासिमाबाद, सोनू जायसवाल पुत्र राजेन्द्र जायसवाल उम्र-32 वर्ष निवासी ग्राम चकजैनब तहसील कासिमाबाद, विशाल शर्मा पुत्र संतोष शर्मा उम्र-27 वर्ष निवासी ग्राम अलावलपुर अफगां तहसील कासिमाबाद एवं अनिल कुमार राजभर पुत्र रामदरस राजभर उम्र-25 वर्ष निवासी चकदरिया (चकजैनब) तहसील कासिमाबाद थे। मृतकों के शव 9 बजे उनके घर लाया गया। जिसमें मा0 स्टाम एवं निबन्धन मंत्री रविन्द्र जायसवाल, विधान परिषद सदस्य विशाल सिंह चंचल, जिलाधिकारी आर्यका अखौरी एवं पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह, अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 ने मृतकों के घर पहुंचकर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी तथा उनकी आत्मा की शान्ति हेतु 2 मिनट का मौन रखा ।

    यहां मंत्री ने कहा कि नेपाल की घटना दुखद थी। पूरी सरकार प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ने दुःख जताया है। प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ने नेपाल सरकार से बात किया ताकि शव को यहां पर लाया जा सके ।.सरकार ने मृतकों के परिवार को भरण-पोषण के लिए 5-5 लाख रूपये स्वीकृत किया था।  आज मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने अपने हाथों मृतकों के परिजनो को 5-5 लाख रूपये का चेक प्रदान किया एवं जिला प्रशासन द्वारा चारों मृतकों के परिजनों को परिवारिक लाभ योजना के अन्तर्गत पारिवारिक लाभ दिया। मृतक अनिल राजभर का कच्चा मकान पाये जाने पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत किया गया। सोनू जायसवाल  मृतक के शादी-शुदा व उनके 3 बच्चे होने पर उनके बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अन्तर्गत 4-4 हजार रूपये प्रतिमाह भरण-पोषण एवं शिक्षा के लिए दिये जायेंगे जब तक वे बालिग न हो जायें एवं उनकी पत्नी को विधवा पेंशन स्वीकृत किया गया।

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