पुरानी पेंशन बहाल होने तक नहीं लेंगे चैन की सांस

गाजीपुर। जिला पंचायत सभागार में शनिवार को आयोजित अधिवेशन और चुनाव में जिलाध्यक्ष का पद बालेन्द्र त्रिपाठी के हाथों सर्वसम्मति से देने की मुहर लग गई। वहीं जिलामंत्री की जिम्मेदारी राम प्रकाश गुप्ता को सौंपी गई। इस अवसर पर आए प्रांतीय अध्यक्ष रामलाल यादव ने कर्मचारियों में जोश भरते हुए कहा कि वर्तमान सरकार कर्मचारी शिक्षक विरोधी हो गई है। समस्याओं का समाधान करना तो दूर, उस पर विचार करने तथा वार्ता करने तक की फुर्सत नहीं है। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में जब तक संगठन ब्लाक, तहसील, जिला तथा प्रान्त स्तर पर मजबूत नहीं होगा, तब तक निर्णायक संघर्ष संभव नहीं है। आज का यह अधिवेशन और चुनाव मील का पत्थर सिद्ध होगा। जनप्रतिनिधि यदि एक माह के लिए भी विधायक, सांसद बन जाते हैं, तो जीवन भर पेंशन के अधिकारी बने रहते हैं। अगर दो पद पर चुनाव जीतते हैं, तो दोनों पदों का अलग-अलग पेंशन प्राप्त करते हैं। साथ ही पचासों तरह की अतिरिक्त सुविधाएँ प्राप्त करते हैं और कर्मचारी शिक्षक 40 वर्षों तक सेवा करने के बाद आज पेंशन से महफूज हैं।बहादुर साथियों चट्टानी एकता कायम करिये और प्रतिज्ञा करना है कि जब तक पुरानी पेंशन बहाली नहीं होती तब तक चैन की सांस नहीं लेंगे। इस मौके पर प्रांत से आए यूपी. सिंह, पदम नाथ त्रिवेदी, उमेश चन्द्र श्रीवास्तव, गौरव सिंह (पिन्चू) के अलावा विनोद पाण्डेय, जनार्दन यादव, रंगनाथ सिंह यादव, गोपाल राय, गोरख यादव, राजेश यादव, ओम प्रकाश, नगीना यादव, प्रदीप कुमार, संतोष यादव, हरेराम यादव, राजनाथ, प्रतीक, हरेराम यादव, चन्द्र सोनकर, ईश्वर यादव, अतुलेश राय, पवन राय, संजय कुमार, कामेश्वर रावत, उमेश कुमार आदि मौजूद थे।

मुख्य मांगे

पुरानी पेंशन बहाली, सफाई कर्मचारियों के लिए नियमावली बनाने, कनिष्ट सहायक को न्यूनतम 2800 ग्रेड वेतन देने, वेतन विसंगतियां दूर करने, आंगनबाड़ी, आशा बहू पीआरडी, रसोईया, चौकीदार आदि को 24 हजार मानदेय देने के साथ ही इन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा देने की मांग प्रमुख रही।

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