बैंकों से नहीं दूर हो रही शिकायत

गाजीपुर । जिलाधिकारी आर्यका अखौरी की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में कृषि उत्पाद दूसरे देशों को निर्यात होंगे इस उदे्श्य से जनपद में चार दिन की प्रस्तावित कार्यशाला की तीसरी कार्यशाला एवं प्रधानमंत्री सूक्ष्म उद्योग उन्नयन योजना-पीएम एफपीओ सूक्ष्य इकाइयों के उन्नयन स्थापना हेतु सूक्ष्म इकाईयों को रू0 10 लाख तक अनुदान एवं एस एच जी/एफ.पी.ओ/सहकारी संस्थाओं को 35 प्रतिशत कर अनुदान के सम्बन्ध में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद कृषि प्रधान जिला है जहां एफ.पी.ओ को बनाया जाए जो किसानों के विकास के लिए प्लेटफार्म साबित होगा। अभी तक जनपद में 5 एफपीओ ही पंजीकृत हैं सभी एफपीओ पंजीकृत कराएं जिसकी फीस मात्र 6500 रुपये है । गुणवत्तापूर्ण उत्पाद का उत्पादन करें, अपने एफ पी. ओ की समस्त अभिलेख दुरुस्त रखें ताकि किसी स्तर पर असुविधा ना हो। जिसमें एफपीओ के उन्मयन हेतु समन्वित प्रयास पर जोर दिया गया। कार्यशाला में जनपद के कुल 64 एफपीओ में से 61 एफपीओ जो विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करते हैं सम्मिलित हुए। कृषि और प्रसंस्कृत खाद उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) से आनंद ने बताया कि जनपद के मात्र 5 एपीओ ही पंजीकृत हैं सभी के पंजीकृत होने की आवश्यकता है। एफपीओ से किसी भी देश को सीधे निर्यात कर सकते हैं एफपीओ स्वयं में एक कंपनी है जिसको यह अधिकार प्राप्त है । उन्होंने अवगत कराया कि जनपद में कृषि क्षेत्र में अपार संभवनाएं हैं। एपीडा हर संभव प्रयास करेगा कि जनपद से उत्पाद बाहर भेजे जाए जहां अच्छा दाम प्राप्त हो सके एपीडा क्रेता विक्रेता की बैठक भी कराती है और किसानों को सीधे बायर से जोड़ती है। उन्होंने यह भी बताया कि निर्यात होने वाले उत्पाद में 47 प्रतिशत कृषि उत्पाद ही होता है।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि बड़े ऋण लेकर बड़ी संरचना जैसे गोदाम कोलचैन, राइपेनिग चेंबर बना सकते हैं जिसमें रोजगार उपलब्ध होगा तथा एफपीओ की आय भी बढ़ेगी। उन्होंने यह भी बताया कि किसान अनावश्यक रसायनों का प्रयोग अपने उत्पाद में ना करें जिससे उत्पाद की गुणवत्ता खराब होती है। गुणवत्तापूर्ण उत्पाद देश के किसी क्षेत्र या विदेश में भेजा जा सकता है।
एफपीओ के सदस्यों ने बैंकों से सहयोग न मिलने की शिकायत की। उसके क्रम में कार्यशाला में उपस्थित एलडीएम नाबार्ड से राजशेखर ने उनकी समस्या का समाधान बताया। उन्होंने बताया कि आरबीआई की गाइडलाइन की परिधि में रहते हुए बैंकों को ऋण देना पड़ेगा जिससे जमा ऋण अनुपात भी बढ़ेगा। एलडीएम ने हर संभव समाधान का भरोसा दिलाया। एस एफ ए सी के रीजनल मैनेजर नरेश यादव ने एपीओ बनाने के तरीके तथा आवश्यक अभिलेख के बारे में बताया। नेशनल डेयरी विकास बोर्ड के आलोक प्रताप सिंह ने किसानों को बताया कि जनपद से अभी 6000 लीटर दूध क्रय किया जाता है । उन्होंने बताया कि जनपद से डेयरी के क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं। हम कहीं भी दूध खरीदने के लिए नया रूट बना सकते हैं तथा समय से भुगतान के लिए भी आश्वासन दिया। जिला उद्यान अधिकारी ने एफ पीओ को लघु उद्योग पर चर्चा की । उन्होंने बताया कि इस योजना में 35प्रतिशत या अधिकतम 10 लाख का अनुदान है इस योजना के तहत जैम, जैली, अचार, मुरब्बा, आटा चक्की, कोल्हू इत्यादि जैसे लघु उद्योग में लाभ प्राप्त कर सकता है।

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