छात्र राजनीति के तेवर और बसपा के कलेवर के साथ चुनाव में डा.उमेश सिंह

गाजीपुर। बहुजन समाज पार्टी ने गाजीपुर संसदीय सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है डा. उमेश कुमार सिंह को। उमेश कुमार सिंह के नाम की चर्चा राजनीतिक फिजा में पन्द्रह दिनों से थी। डा. भीम राव अंबेडकर जयंती के दिन नाम की औपचारिक घोषणा समारोह पूर्वक की गई। सबसे पहले सपा ने अफजाल अंसारी को अपना उम्मीदवार घोषित किया था। तब से अफजाल अंसारी भाजपा को ललकार रहे थे कि उसे उनके खिलाफ उम्मीदवार ही नहीं मिल रहा है। भाजपा ने जब अपने उम्मीदवार के रूप में पारस नाथ राय के नाम का ऐलान किया तो लोग चौंक पड़े और अफजाल अंसारी के दावे को लोगों ने दमदार माना। दोनों दलों के उम्मीदवार मैदान में आने के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति की प्रमुख घटक बसपा की ओर निगाहें प्रेक्षकों की टिक गईं थीं।
गाजीपुर के चर्चित गांव मुड़ियार के निवासी उमेश सिंह के पिता अधिवक्ता थे। वह शहर के सकलेनाबाद मुहल्ले में रहते थे।यहीं रहकर आदर्श इंटर कालेज से डा. उमेश सिंह ने अपनी शुरुआती शिक्षा ग्रहण की। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी से बीएससी,एलएलबी, एलएलएम की और एलएलडी लखनऊ विश्वविद्यालय से। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति में सक्रिय रहे । छात्रसंघ चुनाव में हाथ आजमाया और पहली बार ही महामंत्री चुन लिए गए। यह चुनाव छात्रसंघ भंग होने के बाद सात साल बाद हुए थे। यहां से डा. उमेश लगातार राजनीति में सक्रिय हैं कभी अन्ना हजारे तो कभी केजरीवाल तो कभी कांग्रेस । यह सिलसिला अब पहुंचा बसपा उम्मीदवार के रुप में ।
अब उमेश सिंह जय भीम,नमो बुध्दाय के नारे के साथ नीले रंग का गमछा गले में लपेट कर चुनाव मैदान में हैं। तेवर छात्र नेताओं वाला है। सामने कोई हो कोई परहेज नहीं माफिया हों या धनपशु । लड़ना है और पूरे तेवर कलेवर के साथ।

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