नौहा पढ़ते हुए की सीनाजनी

सादात। वर्षों से चली आ रही परम्परा के अनुसार सादात नगर में अन्य स्थानों से एक दिन बाद अर्थात मंगलवार को चेहल्लुम मनाया गया। हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों के शहादत की याद में मनाया जाने वाले चेहल्लुम जुलूस के दौरान सैयदबाड़ा मुहल्ला से ताजिया और अलम के साथ शुरू हुए जुलूस में सुरक्षा की दृष्टि से एसओ संतोष कुमार राय के नेतृत्व में महिला और पुरुष पुलिसकर्मी तैनात रहे।
बताते हैं कि वर्षों पहले सादात में हाथी, घोड़ा, ऊंट के साथ भव्य जुलूस निकला करता था। इसे देखने के लिए दूर दराज में रहने वाले नगर क्षेत्रवासियों के साथ ही यहां के मुसलमानों के रिश्तेदार भी आया करते थे। इसी परम्परा का निर्वहन करते हुए नगर में आज भी चेहल्लुम जुलूस एक दिन बाद मनाया जाता है। जुलूस में सैयदबाड़ा अखाड़ा और अंजुम अखाड़ा के लोग आतिशबाजी के बीच जहां लाठी आदि का करतब दिखाए। शिया समुदाय के लोग नौहा पढ़कर सीनाजनी करते हुए चल रहे थे। अंत में कर्बला पहुंचकर ताजिया दफन किया गया। सुरक्षा के लिहाज से पुलिसकर्मी तैनात रहे।

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