सिध्दांत से समझौता नहीं किए सिध्देश्वर प्रसाद

गाजीपुर। सिद्धेश्वर प्रसाद जनसेवा संस्थान सिद्धेश्वर नगर (लंका) के सभागार में शुक्रवार को पूर्वाह्न ११बजे सिद्धांतवादी राजनीति के पुरोधा , जननेता, राष्ट्रीय चेतना के संवाहक, पूर्व विधायक, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष स्वातंत्र्य सेनानी स्वर्गीय सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह की ४४वीं पुण्यतिथि श्रद्धा पूर्वक मनाई गई।
इस अवसर पर राम नाथ ठाकुर ने कहा कि जो त्याग एवं बलिदान उनका समाज के प्रति रहा,वह आज दुर्लभ है। अमरनाथ तिवारी ने कहा कि आप ने पूरे जीवन को समाजसेवा एवं राष्ट्र सेवा के निमित्त समर्पित कर दिया था। वरिष्ठ पत्रकार सूर्य कुमार सिंह ने कहा कि वे सिद्धांत के पक्के दृढ़प्रतिज्ञ थे। श्री कान्त पांडेय ने कहा कि उनमें राष्ट्र वाद एवं समाजवाद की अपार संभावनाएं थीं। डॉ रणविजय सिंह ने कहा कि वे समाजवाद के प्रखर चिंतक थे। पूर्व विधायक अनिल अमिताभ दुबे ने कहा कि उनके आदर्श आज भी प्रासंगिक हैं, उनसे हमें सीख लेनी चाहिए। प्रेम शंकर राय ने कहा कि वे सिद्धांतों से समझौता करना नहीं जानते थे। डॉ दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि उनका जीवन प्रेरणा का स्रोत रहा है।अन्य तमाम वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किए। इस अवसर पर विजय नारायण तिवारी, रामाश्रय राय, बृजेन्द्र राय, जीतेन्द्र राय, विष्णु पद उपाध्याय, ज्ञानेश्वर प्रसाद सिंह, चंद्र कुमार सिंह, रघुवंश नारायण सिंह, सुशील कुमार सिंह, राकेश कुमार राय, कुनाल शिवम् राय, संदीप विश्वकर्मा, आलोक यादव, पतिराम शर्मा,एच एन एस यादव, अशोक कुमार श्रीवास्तव, अरूण कुमार तिवारी, सत्येन्द्र नाथ, अशोक राय, विजय यादव, श्रीमती सरोज सिंह आदि उपस्थित थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुरेश राय तथा संचालन कवि दिनेश चंद्र शर्मा ने किया। संस्थान के संयोजक अखिलेश्वर प्रसाद सिंह ने आगन्तुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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