वर्तन खरीदे नहीं, तो हाट कुक्ड कैसे

गाजीपुर। जिलाधिकारी आर्यका अखौरी की अध्यक्षता में सोमवार को राइफल क्लब सभागार में पोषण समिति की बाल विकास विभाग के अन्तर्गत संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक में जनपद स्तरीय कन्वर्जेन्स विभाग के अधिकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला विकास अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, परियोजना निदेशक, उपायुक्त आजीविका मिशन उपायुक्त मनरेगा, जिला आपूर्ति अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी सहित समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी तथा प्रभारी चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे। पोषण समिति में जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना को बाल विकास विभाग द्वारा लाभार्थियों को ऑनलाइन आवेदन का सत्यापन के उपरान्त लाभान्वित किया जाये तथा इसमें प्रभारी चिकित्साधिकारियों से सहयोग प्राप्त करते हुये कार्यवाही सुनिश्चित करें तथा अवशेष प्रार्थना पत्रों जो स्वास्थ्य विभाग से स्थानान्तरित होकर बाल विकास के पोर्टल पर प्राप्त हुये हैं उनका निस्तारण सत्यापन करते हुये लाभान्वित किया जाये। जिलाधिकारी द्वारा पोषण समिति में तहसील एवं ब्लाक स्तरीय बैठक न होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुये समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं प्रभारियों को निर्देशित किया कि पोषण समिति की बैठक तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तथा ब्लाक स्तरीय बैठक खण्ड विकास अधिकारियों की अध्यक्षता में कराया जाय तथा उसकी रिपोर्ट जनपद पोषण समिति में रखा जाय। सम्भव अभियान, दस्तक तथा संचारी इस माह संचालित किया जाना है। अतः बाल ’ विकास परियोजना अधिकारी पी०एच०एन०डी० सत्रों पर समस्त कुपोषित/अति कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य प्रबन्धन करते हुये ई-कवच पर स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से शत-प्रतिशत अंकन कराया जाय। इसके अलावा एनीमिया मुक्त भारत के अन्तर्गत स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से लक्षित 0-05 वर्ष के बच्चों तथा 10 से 18 वर्ष की बालिकाओं को जो स्कूल नहीं जाती है, उन्हें आयरन फोलिक गोली का वितरण मानक अनुसार कराते हुये उसकी रिपोटिंग समयबद्ध किया जायें, जिससे जनपद की स्थिति खराब न हों। वजन, गृह भ्रमण तथा आधार एवं मोबाइल वेरीफिकेशन की स्थिति मानक के अनुसार न  होने पर निर्देशित किया गया कि पोषण ट्रैकर पर ऑगनबाड़ियों के कार्याें का नियमित अनुश्रवण करते हुये एक सप्ताह में समस्त कार्याें को पूर्ण कराये तथा इसकी सूचना एक सप्ताह में प्रस्तुत किया जाय। पोषण पुनर्वास केन्द्र में बेड एक्यूपेन्सी का प्रतिशत 60-65 प्रतिशत रहने पर बाल विकास परियोजना अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि उन बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराया जाय तथा यह सुनिश्चित किया जाय कि बच्चा मानक के अनुसार केन्द्र पर रुके तथा उसका उपचार के पश्चात नियमित रुप से निगरानी किया जाय, जिससे वह पुनः कुपोषण का शिकार न हों। एक जुलाई 2024 से प्राथमिक विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं तथा ऑगनबाड़ी केन्द्र भी एक जुलाई से ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद खोले गये हैं। अतः बाल विकास परियोजना अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि शत-प्रतिशत केन्द्र खुले तथा हॉट कुक्ड योजना का संचालन नियमानुसार किया जाय। वर्तन की समीक्षा में पाया गया कि अभी तक ग्राम पंचायतों में 3337 को – लोकेटेड केन्द्रों के सापेक्ष 2901 केन्द्रों पर ग्राम प्रधानों द्वारा बच्चों को खिलाने हेतु बर्तन खरीदा गया है। अतः इसे तत्काल बाल विकास परियोजना अधिकारी अपने सहायक विकास अधिकारी, पंचायत से समन्वय बनाते हुये बर्तनों का क्रय शत-प्रतिशत पूर्ण करें। आँगनबाड़ी कायाकल्प के अन्तर्गत विकसित होने वाले लर्निंग लैब की समीक्षा में जिलाधिकारी द्वारा यह निर्देशित किया गया कि बाल विकास परियोजना अधिकारी, अपने-अपने खण्ड विकास अधिकारी से चिन्हित लर्निंग लैब का निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत समस्त 18 इण्डीकेटरों में समन्वय बनाते हुये उक्त कार्य इस माह पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। विभागीय ऑगनबाड़ी केन्द्रों में वाह्य और आन्तरिक विद्युतीकरण का बाल विकास परियोजना अधिकारी समीक्षा करते हुये जिला कार्यक्रम अधिकारी को यह सूचना तत्काल उपलब्ध करायी जाये कि किन केन्द्रों में वाह्य विद्युतीकरण अवशेष है, उसकी सूचना तत्काल उपलब्ध करायी जाय साथ ही शौचालय निर्माण हेतु चिन्हित केन्द्रों पर खण्ड विकास अधिकारी से समन्वय बनाते हुये शौचालय निर्माण का कार्य भी यथाशीघ्र पूर्ण करा लिया जाय।

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