रैली में पहुंचे 52

गाजीपुर। दवा प्रतिनिधियों के राज्य संगठन उत्तर प्रदेश एंड उत्तराखंड मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एशोसिएशन (UPMSRA) के तत्वावधान में 11 मार्च को लखनऊ में एक रैली काआयोजन हुआ।
रैली में ग़ाज़ीपुर से 52 साथी उपस्थित हुए।
रैली लखनऊ के इको गार्डन में सभा मे परिवर्तित हुई । जिसमें वर्तमान समय में दवा प्रतिनिधियों की समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए संगठन के महामंत्री विमेश मिश्रा ने बताया कि वर्तमान केंद्र सरकार ने बड़े पूंजीपतियों को खुश करने व उनके दबाव में मज़दूरों के लिए मौजूदा 44 श्रम कानूनों को समाप्त कर 4 नए श्रम कोड लाने का काम कर रही है जिसके खिलाफ तथा पच्चीस सूत्रीय मांगों जिसमें SPE ACT 1976 को लागू करने, दवा प्रतिनिधियों के लिए कार्य की नियमावली तय करने, अस्पतालों में स्वतंत्र रूप से काम करने, दवाओं पर से GST टैक्स हटाने, डाटा प्राइवेसी को सुरक्षित करने, दवा प्रतिनिधियों पर सेल्स के नाम पर शोषण को खत्म करने, गैजेट्स के इस्तेमाल में ट्रैकिंग व सर्विलांस पर रोक लगाने, कार्यस्थल पर बिना रुकावट प्रवेश सुनिश्चित करने संबंधी मांगें हैं कंपनियों द्वारा गैर कानूनी स्थानांतरण को रोकने उत्तर प्रदेश में न्यूनतम वेतन 26000 करने दवा प्रतिनिधियों को ‘वर्कमैन’ का दर्जा, बोनस सुनिश्चित करने, उनके बीमा और सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने को लेकर पूरे प्रदेश से दवा प्रतिनिधि रैली में उपस्थित हुए हैं।


उन्होंने यह भी बताया कि ड्रग एन्ड कॉस्मेटिक एक्ट 1954 के तहत यह निर्देश भी दिया कि एक मेडिकल रिप्रेज़ेंटेटिव ही अस्पतालों व डॉक्टरों को दवा की गुणवत्ता, प्रचार प्रसार कर सकता है दूसरा कोई नहीं भले ही कोई दवा कम्पनी का मैनेजर हो अथवा मालिक हो।
उन्होंने बताया कि सेल्स के नाम पर दवा प्रतिनिधियों पर दवा कंपनियों द्वारा लगातार वेतन रोकना, ट्रांसफर, सेवा बर्खास्तगी इत्यादि करती हैं जोकि पूरी तरह से ग़लत है, सेल्स एक संयुक्त ज़िम्मेदारी है केवल अकेले दवा प्रतिनिधि की नहीं, उन्होंने दवा प्रतिनिधियों को अपनी चेतना बढ़ाते हुए एकजुटता के साथ, भाईचारे के साथ काम करने पर ज़ोर दिया।जिसको ईको गार्डन में उपस्थित हज़ारों दवा प्रतिनिधियों ने अपने गगन चुम्बी नारों से समर्थन दिया।
अंत मे मांगों का ज्ञापन लखनऊ प्रशासन को सौंपा गया। रैली में ईकाई के एम.पी राय, मो. अफजल, हरिशंकर गुप्ता, अनिल यादव, मोहित गुप्ता, निकेत तिवारी, विकास वर्मा, शिवम गुप्ता, राहुल यादव, बी0के0 श्रीवास्तव, आशीष राय, दिग्विजय यादव, रामप्रवेश सिंह यादव, अमित श्रीवास्तव, समेत कई साथियों ने भागीदारी की।
नेतृत्व चंदन कुमार राय व मयंक श्रीवास्तव ने किया।

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