दान : देने वाले का अहंकार नहीं,लेने वाले को चाहिए संतोष

बाराचवर। स्थानीय शिवमंदिर के अमृत सरोवर पर रविवार की शाम को अयोध्या धाम से पधारे शिवराम दास फलाहारी बाबा ने श्रीमद् भागवत कथा में ध्रुव जी का करुण प्रसंग सुनाते हुए कहा कि भजन करने का कोई उम्र नहीं होता है बचपन से ही भजन शुरू कर देना चाहिए। मनुष्य दो प्रकार का होता है एक गुरुमुखी और दूसरा मन मुखी। सुरुचि मन के अनुसार चलती थी और सुनीति नीति के अनुसार चलती थी । मन मुखी जीव का इतिहास काले अक्षरों में अंकित होता है और शास्त्र मुखी जीव का इतिहास स्वर्णिम अक्षरों में अंकित होता है।बुढ़ापे की कोई गारंटी नहीं है। प्रहलाद मीरा बचपन से ही भजन शुरू कर दिए थे। श्रद्धा से दिया हुआ दान और संतोष से लिया हुआ दान ही जीव का कल्याण करता है दान देने वाले को अहंकार नहीं होना चाहिए। और लेने वाले को संतोष होना चाहिए। दान लेने वाले के जीवन में दान का उपयोग हो वही दान सार्थक है। धर्म के चार पैर हैं। सत्य तप दया दान। सतयुग का अंत आते-आते सत्य रूपी पैर कट गया त्रेता के अंत में तप रूपी पैर कटा। द्वापर के अंत में जब अभिमन्यु मारा गया तो दया रूपी पैर कट गया। कलयुग में जब परीक्षित राजा ने देखा की धर्म रूपी बैल का तीन पैर कट चुका है एक पैर पर लहू लुहान धर्म रूपी बैल खड़ा है उस पैर का नाम दान है। दान से बड़ा दानी होता है जब वामन भगवान एक पग में पूरी धरती दूसरे पग में आकाश को माप लिए तो बलि राजा ने कहा कि हे प्रभु अभी तक आपने दान लिया है अब दानी को भी स्वीकार करिए। भगवान के पूजा की पूजन सामग्री के साथ-साथ पुजारी का समर्पण भी अति आवश्यक है। समग्र सत्ता का समर्पण करने पर सर्वोच्च सत्ता अधीनता को स्वीकार कर लेती है। भगवान भक्त के बस में हो जाया करते हैं। सामग्री का अभाव हो किंतु हृदय का भाव हो तो पूजा को परमात्मा स्वीकार करता है। राजा बलि के समर्पण से भगवान को चौकीदारी करनी पड़ी और लक्ष्मी को झाड़ू लगाना पड़ा।भागवत कथा मे व्यास पूजन एवं आरती क्षेत्र पंचायत सदस्य एवं ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि देवेन्द्र कुमार ने किया।इस दौरान दीपक सिंह,प्रसुन सिंह ओ पी सिंह,अनिल कुमार यादव,संजय पाण्डेय,दयानन्द कुशबाहा,चुन्नू सेठ,सत्यम सेठ,बृजेश शर्मा,संजय राय,मयंक सिंह,सुनील कन्नौजिया,सियाराम शरण सिंह,विष्णुदेव पाण्डेय,मनीष सिंह,गौतम सिंह,अनंत सिंह,दामोदर सेठ,गुलाब कमलापुरी,शिवाजीत यादव,मुकेश बाबा सहित सैकड़ों की तादात में नर नारी भागवत कथा का अनुश्रवण कर रहे है।

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