नारी गरीबी में भी घर को बना सकती है स्वर्ग : फलाहारी बाबा

बाराचवर। स्थानीय शिवमंदिर पर चल रहे भागवत कथा के पांचवें दिवस में अयोध्या से पधारे श्री श्री 1008 शिवराम दास उपाख्य फलाहारी बाबा शुक्रवार की शाम को भागवत कथा सुनाते हुए कहा कि जहां नारी की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं।यत्र नार्यस्तु पुज्यंते रमन्ते तत्र देवता। नारी का सदा सम्मान करना चाहिए। नारी चाहे तो गरीबी में भी घर को स्वर्ग बन सकती है और नारी चाहे तो अमीरी को भी नरक बना सकती है। नारी का जीवन परमार्थ का जीवन होता है शास्त्रों में नारियों की पूजा करने के लिए कहा गया पुरुषों का नहीं। इसलिए की नारी का एक-एक श्रृंगार पति के लिए समर्पण होता है गले में मंगलसूत्र भी पति के नाम का होता है। ललाट पर बिंदिया भी पति के नाम का होता है पैर में बिछिया भी पति के नाम का होता है। मांग मेरा है लेकिन सिंदूर पतिदेव आपके नाम का ही होता है जब मैं प्रणाम भी करती हूं तो ब्राह्मण या साधु सौभाग्यवती भव का आशीर्वाद देता है प्रणाम मेरा है लेकिन आशीर्वाद पति को मिलता है। रामायण की सीता और महाभारत के द्रौपदी दोनों पर अत्याचार हुआ है द्रौपदी यदि अग्नि कन्या है तो सीता धरती पुत्री हैं । द्रौपदी बोलकर सही है और सीता मौन होकर सही है। पांचवे दिन का व्यास पूजन और आरती भागवत कथा के मुख्य यजमान ब्लाक प्रमुख ब्रजेन्द्र सिंह ने किया।इस दौरान कथा में देवेन्द्र कुमार सिंह,रमेश काका,दीपक सिंह,संजय पाण्डेय,दयानन्द कुशवाहा,दामोदर सेठ,चुन्नू सेठ,मुकेश शर्मा,मनीष सिंह,गौतम सिंह,बृजेश शर्मा,शिवाजीत यादव,संजय राय,पप्पू कन्नौजिया,मंयक सिंह,सहित सैकड़ो की तादात में नर नारी कथा का श्रवण कर रहे हैं।

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