राजनीतिक संत थे जेपी

गाजीपुर। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के तत्वाधान में महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में सम्पूर्ण क्रान्ति के पुरोधा एवं राजनीतिक संत लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती पर गोराबाजार पीजी कॉलेज स्थित उनकी प्रतिमा स्थल पर माल्यार्पण एवं दीपदान
कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।उसके पश्चात गोराबाजार स्थित महासभा के संरक्षक रणशेर लाल श्रीवास्तव के आवास पर विचार गोष्ठी आयोजित हुई । इस अवसर पर महासभा के सभी कार्यकर्ताओं ने सार्वजनिक जीवन में नैतिकता, शुचिता और ईमानदारी का पालन करने के साथ साथ लोकतंत्र की रक्षा करने का संकल्प लिया।
गोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए महासभा के प्रान्तीय उपाध्यक्ष मुक्तेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि जयप्रकाश जी एक राजनीतिक संत थे । उन्हें सत्ता से कभी मोह नहीं रहा । वह राजनीति को सेवा का माध्यम बनाना चाहते थे । राजनीति में राष्ट्रीयता की भावना और नैतिकता की स्थापना उनका लक्ष्य था ।वह राजनीति में शूचिता और पवित्रता की निरन्तर वकालत करते रहे । देश की आजादी की लड़ाई से लेकर सम्पूर्ण क्रान्ति के आंदोलन तक तमाम आंदोलनों की मशाल थामने वाले जयप्रकाश जी का नाम ऐसी शख्सियत के रुप में उभरता है जिन्होंने अपने विचारों,दर्शन तथा व्यक्तित्व से देश को एक नई दिशा दी ।
डीएवी इंटर कालेज के पूर्व प्रवक्ता प्रेम कुमार श्रीवास्तव ने उन्हें नमन करते हुए कहा कि महात्मा गांधी जी उनकी देशभक्ति और साहस से अत्यन्त प्रभावित थे‌। उनकी समस्त जीवन यात्रा संघर्ष तथा साधना से भरपूर रही । मरणोपरांत 1999में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया ।‌उन्हें समाजसेवा के लिए 1965में मैग्सेसे पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था । उनका जीवन हम सबके लिए प्रेरणा स्रोत है ।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से सपा के पूर्व नगर अध्यक्ष दिनेश यादव, विपिन बिहारी वर्मा,चन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव,शैल श्रीवास्तव, विजय प्रकाश श्रीवास्तव , अमित श्रीवास्तव गप्पू, परमानन्द श्रीवास्तव, अमरनाथ श्रीवास्तव , मोहनलाल श्रीवास्तव, अनूप श्रीवास्तव, अश्वनी श्रीवास्तव,नवीन श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।‌कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री अरूण सहाय ने किया।

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