भारतीय समाज की बदली है धारणा

गाजीपुर। स्वामी सहजानंद स्नातकोत्तर महाविद्यालय के कुबेरनाथ राय सभागार में शुक्रवार को वाणिज्य संकाय के तत्वावधान में कमोडिटी डेरिवेटिव्स विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। एमसीएक्स लिमिटेड मुंबई के प्रमोशन सेल के तत्वावधान में कमोडिटी डेरिवेटिव्स तथा तथा बाजार में पूंजी का निवेश विषय पर आयोजित इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड के एमसीएक्स लिमिटेड के बिजनेस हेड सुनील मिश्रा ने कमोडिटी ट्रेड पर विस्तृत चर्चा की। मुख्य अतिथि ने बताया कि प्रारंभिक भारतीय समाज इस धारणा को मानता था कि जो प्राप्त है वह पर्याप्त भी है किंतु आज मौद्रिक तरलता तथा विकास के युग ने बचत तथा व्यापार के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का विकास किया है। भारत में इस प्रकार का ट्रेड मुंबई स्टॉक एक्सचेंज तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के द्वारा संचालित होता था। 2007 में भारत में कमोडिटी डेरिवेटिव्स का ट्रेड शुरू हुआ जिसका 2017 में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया । आज सरकार का ट्रेड के क्षेत्र में नीतिगत हस्तक्षेप है। सीजनल कारक, मानसून, राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय कारक व्यापार को प्रभावित करते हैं। ऐसे में कमोडिटी ट्रेड अत्यधिक महत्वपूर्ण तथा सामायिक बन जाती है । ऐसे में बचत कैसे करें ?बचत का कहां प्रयोग करें? तथा बचत को पुनर्निवेश में कैसे बदलें? इस विषय पर डॉ मिश्रा द्वारा गंभीर विचार प्रस्तुत किए गए।
इस सेमिनार की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. वी के राय ने किया । कार्यशाला के प्रारंभ में उन्होंने मुख्य अतिथि के साथ मिलकर मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण किया । प्राचार्य तथा वाणिज्य विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ. श्याम नारायण राय द्वारा मुख्य अतिथि का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया तथा उन्हें प्रतीक चिन्ह व अंगवस्त्रम् प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यशाला का संयोजन डॉ. देव प्रकाश राय द्वारा किया गया। प्रारंभ में मुख्य अतिथि का स्वागत समाजशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अवधेश नारायण राय द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. कृष्णानंद चतुर्वेदी द्वारा किया गया ।
छात्र-छात्राओं द्वारा अपनी अभिरुचि के अनेक प्रश्न पूछे गए । कार्यशाला के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर अजय कुमार राय ने किया।
इस कार्यक्रम में डॉ. विलोक सिंह, डॉ. राकेश पाण्डेय, डॉ. सतीश पाण्डेय, डॉ. जय शंकर राय, महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण, ओम प्रकाश राय, एवं अन्य कर्मचारी गण एवं 300 छात्र /छात्राएं सम्मिलित थे।

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