विलक्षण प्रतिभायुक्त थे रामाशंकर राय

रेवतीपुर। तृतीय पुण्यतिथि पर स्वर्गीय रामाशंकर राय को मंगलवार की शाम रेवतीपुर में याद किया गया। बाबा श्याम दास के प्रांगण में कवि साहित्यकार एवं प्रखर आलोचक रामाशंकर राय की तृतीय पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राम बदन राय एवं मुख्य वक्ता भाजपा के वरिष्ठ नेता सच्चिदानंद राय ने सर्वप्रथम मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की। रामाशंकर राय को पुष्पांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम के अध्यक्ष रामवर्धन राय ने कहा कि मुझे उनसे अपने जीवन काल में केवल चार या पांच बार मिलने का अवसर प्राप्त हुआ, लेकिन इतने कम समय के संबंध में भी मैंने जो परख की उससे यही महसूस हुआ कि रामाशंकर राय जी विलक्षण प्रतिभा एवं स्मृति की पराकाष्ठा के धनी साहित्यकार थे। सच्चिदानंद राय ने कहा कि रामाशंकर राय जी की जो भी संक्षिप्त रचनाएं हैं वह अपने आप में एक वृहद ग्रंथ का एहसास कराती हैं। गंगेश जी ने मन हो जाता है विकल निगोड़ी नींद नहीं आती है कविता के माध्यम से पूरे कार्यक्रम को भावुकता में बदल दिया। इस अवसर पर कामेश्वर दूबे, विजय नारायण राय, विनय राय, भोलाराम ,पीयूष राय, कन्हैया यादव ,कमल यादव, रामेश्वर सिंह, मारकंडेय सिंह, सच्चिदानंद राय चाचा, प्रवीण शुक्ला आदि मौजूद रहे‌ ।कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता डा. ऋचा राय ने किया। अनिल कुमार राय ने आभार प्रकट किया।

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