शहीद खुदी राम बोस को नमन कर अपने साथ हो रहे अन्याय गिनाए

गाजीपुर। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के तत्वावधान में जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव के चंदन नगर स्थित आवास पर शहीद खुदीराम बोस के बलिदान दिवस पर माल्यार्पण कार्यक्रम एवं विचार गोष्ठी आयोजित हुई।
गोष्ठी आरंभ होने के पूर्व महासभा के सभी कार्यकर्ताओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर देश की आज़ादी की रक्षा करने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव ने खुदी राम बोस को नमन एवं उनके क्रांतिकारी विचारों की चर्चा करते हुए कहा कि वह देश‌ की आजादी के लिए फांसी पर चढ़ने वाले सबसे कम उम्र के क्रान्तिकारी देशभक्त थे।वह पहले क्रांतिकारी थे जिन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। उन्होंने भारत में ब्रिटिश शासन का विरोध किया था सत्येन बोस के नेतृत्व में उन्होंने अपना क्रान्तिकारी जीवन‌ शुरू किया ।खुदी राम बोस जी स्कूल के समय से ही राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने लगे थे।वह‌ जलसों और जुलूसों में बढ़-चढ़ कर शामिल होते थेऔर अंग्रेज़ी साम्राज्यवाद के खिलाफ नारे लगाते थे। उन्होंने 9वीं कक्षा के बाद ही पढ़ाई छोड़ दी और वह जंग-ए-आज़ादी में कूद पड़े। स्कूल छोड़ने के बाद वह रिवोल्यूशनरी पार्टी के सदस्य बन गये । उन्होंने कहा कि हमें आज शहीद खुदीराम बोस के रास्ते पर चलकर साम्प्रदायिकता और जातिवाद तथा भूमंडलीकरण एवं वैश्वीकरण की नीतियों के चलते पुनः गुलामी की ओर बढ़ रहे देश को बचाना होगा। उन्होंने कायस्थ समाज की गौरवशाली इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि अब हमें अपने साथ हो रहे अन्याय,उपेक्षा और अत्याचार के खिलाफ भी मुखर होना पड़ेगा । हमारी खामोशी ही हमारा सबसे बड़ा गुनाह है । अब हमें सड़कों पर उतरकर अपनी एकता और ताकत का अपनी प्रदर्शन करना होगा ।
इस गोष्ठी में मुख्य रूप से अरुण सहाय,अनूप कुमार श्रीवास्तव, अश्वनी श्रीवास्तव , अर्पित श्रीवास्तव,हर्ष श्रीवास्तव, अभिषेक, प्रियांशु, हिमांशु,मेघा श्रीवास्तव,पियूष श्रीवास्तव, चन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव, शैल श्रीवास्तव,राजेश श्रीवास्तव एडवोकेट, अमरनाथ श्रीवास्तव,अमर सिंह राठौर, सत्यप्रकाश , विपुल, अतुल , परमानन्द श्रीवास्तव,मनीष श्रीवास्तव, मोहनलाल श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे ।

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